काबुल: तालिबान बलों ने शनिवार को काबुल के हवाई अड्डे को बंद कर दिया है। ज्यादातर अफगान नागरिक देश से बाहर निकलने की उम्मीद लगाये हुए हैं और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के अधिकतर देश अफगानिस्तान में दो दशकों के बाद अपने सैनिकों को निकालकर ले गये हैं। अमेरिका ने 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से 1,00,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला है और उसे उम्मीद है कि मंगलवार की समय सीमा तक वह अपने सभी लोगों को वहां से निकाल ले। ब्रिटेन भी अपने लोगों के बाहर निकालने के अंतिम पड़ाव में है।
अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत लॉरी ब्रिस्टो ने काबुल हवाई अड्डे से एक वीडियो में कहा, ” अभियान के इस चरण को बंद करने का समय आ गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम उन लोगों को नहीं भूले हैं जो अभी भी देश छोड़ना चाहते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी मदद करने के लिए हर संभव कोशिश करना जारी रखेंगे।” । प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि तालिबान बलों ने हवाई अड्डे के भीतर कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है और वह शांतिपूर्वक नियंत्रण करने के लिए तैयार हैं क्योंकि अमेरिकी सेना बाहर निकल रही है।
तालिबान ने दो दिन पहले एक आत्मघाती हमले के बाद बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए शनिवार को काबुल हवाई अड्डे के आसपास अतिरिक्त बलों को तैनात किया। अमेरिका को 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों की वापसी के काम को पूरा करना है और इससे पहले यह हमला हुआ था। हाल में काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती धमाकों में अफगानिस्तान के 169 नागरिकों और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया था।