मसूरी। भू- कानून की मांग को लेकर 8 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास घेराव में मसूरी से बड़ी संख्या में राज्य आन्दोलनकारी शिरखत करेंगे। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि मसूरी का पानी किसी भी कीमत पर देहरादून नहीं ले जाने दिया जाएगा। आज शहीद स्थल पर उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठन की बैठक हुई। बैठक में राज्य में सशक्त भू कानून के समर्थन में नारे बाजी की गई। बैठक में बताया गया कि एक साजिश के तहत यमुना मसूरी पेयजल योजना का पानी देहरादून ले जाया जा रहा है। जिसके विरोध में प्रस्ताव पास किया गया तथा ऐलान किया गया कि किसी कीमत पर मसूरी का पानी देहरादून नहीं लेजाने दिया जाएगा। बैठक के पश्चात एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया। ज्ञापन में मांग की गई है कि पूर्व में मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में अतिशीघ्र मसूरी शहीद स्थल पर छत डाली जाए। वन विभाग एवं सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से मसूरी वनक्षेत्र का सर्वे अविलंब पूरा किया जाय ताकि मसूरी वासियों को वन टाइम सेटलमेंट योजना का लाभ मिल सके। ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि सेंट मेरी के दोनों अस्पतालों को अविलंब खोला जाय। धरने में शामिल होने वालों में जयप्रकाश उत्तराखण्डी, सयोंजक प्रदीप भण्डारी, देवेश्वर प्रसाद जोशी, कमल भण्डारी, पूरण जुयाल, केदार चौहान, श्रीपति कण्डारी, स्याम सिंह चौहान, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, संजय गोस्वामी, बिल्लु वाल्मीकि, एजाज अंसारी, गिरीश सकलानी, जगदीश सिंह आदि शामिल रहे।

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