B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
लाल चौक नहीं ‘‘भारत माता चौक’’ या ‘‘तिरंगा चौक’’ कहो
चलो
लाल चौक चलो
फटाफट करो
उठो झट उठो
एक-दूसरे को कहो
अब और मत सहो
दिल की सुनो
ऋषि कश्यप जैसे पुरखों का ध्यान धरो
पीड़ित भारत माता का अब तो मान करो
माता वैष्णों देवी की ममता को समझो
बाबा अमरनाथ का घनघोर जयनाद करो
आकाश और पाताल को एक कर दो
दुश्मन के कलेजों को दहला कर रख दो
दिल के तूफान को कहो बाहर निकलो
मन में मचल रही बिजली से कह दो
लाल चौक पर चलकर कड़को-दमको
भारत माता के चरणों पर फूल बन बरसो
पहुँचकर वहाँ दहाड़ कर बोलो
‘‘भारत माता चौक’’ या फिर ’’तिरंगा चौक’’ कहो
शहीदों की घायल आत्माओं से ये वादा कर दो
कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘‘वंदे मातरम’’ की गूँज भर दो
देश के गद्दारों को तुरन्त सीमा पार खदेड़ दो।
-जय भारत – जय माता वैष्णों देवी -जय जवान