मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती ने मामले की जांच के बाद करी पुष्टि कहां कि राशन किटों की खरीद के लिए नहीं ली गई कोई सयरकारी सहायता।।
ऋषिकेश (दीपक राणा) । कृषि उत्पादन मंडी ऋषिकेश में राशन की किटें सड़ने का प्रमुख कारण अधिक सैनिटाइजेशन का होना रहा है। इसमें कोई सरकारी सहायता नहीं ली गई है, बल्कि स्थानीय विक्रेताओं ने निजी खर्च से जरुरतमंदों की सहायता के लिए इस राशन को खरीदा था। इसकी पुष्टि मंगलवार को मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती ने की। बता दें कि सोशल मीडिया में एक वीडियो इन दिनों बहुत वायरल हो रहा है। इसमें सहकारी मंडी ऋषिकेश की एक दुकान में सड़ी गली हालात में राशन किटें दिखाई दे रही हैं। आलम यह रहा कि मामले की जांच पड़ताल के लिए मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती खुद आगे आए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना के अधिक संक्रमण के दौरान मंडी कर्मियों और स्थानीय लोगों का कोविड टेस्ट करवाया गया था। इसमें उनके समेत कई लोग पॉजिटिव आए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शासन ने मंडी को सैनिटाइज कर तत्काल सील करने के आदेश दिए थे। इसके बाद फौरन मंडी को सीज कर दिया गया था। इससे पूर्व लॉकडाउन में जरूरतमंदों की सहायता के लिए स्थानीय विक्रेताओं ने राशन की किटें एकत्र की थी। इनमें अधिकांश बांट दी गई एवं मौके पर करीब 20 राशन किटें बची थी। इसी बीच मंडी को सेनेटाइज करने के लिए काफी मात्रा में सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया गया था। राशन किटों में इसकी अधिक मात्रा का छिड़काव होने कारण वह प्रयोग के लायक नहीं बची थी। इसका प्रयोग किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता था। बताया कि राशन किटों को खरीदने के लिए किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं ली गई है। साथ ही कोरोना काल में मंडी की ओर से कोई भी राशन किट नहीं बांटी गई है।