हरिद्वार (संवाददाता)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जल्द ही राम मंदिर निर्माण शुरू होगा। पूरे देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह कब होगा पर उन्होंने कहा कि जल्द यह सब होने वाला है और हम अपनी आंखों से यह सब देखेंगे। यह बात उन्होंने ब्रह्मलीन संत सत्यमित्रानंद गिरी की षोडशी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उधर, श्रद्धांजलि सभा में हेलीकाप्टर से समारोह स्थल पर पुष्प वर्षा की गई।भारत माता मंदिर संस्थापक व पद्मभूषण ब्रह्मलीन सत्यमित्रानंद गिरी को बुधवार को वरिष्ठ संतों, राज्यपालों, राजनीतिज्ञों व उनके अनुयायियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। और सत्यमित्रानंद के कार्यों को याद किया गया। हर किसी ने अपने साथ जुड़ी ब्रह्मलीन संत की बातों को मंच से याद किया। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ब्रह्मलीन सत्यमित्रानंद गिरी के सारे संकल्प कुछ ही समय बाद पूरे होने वाले हैं। वह कैसे और कब पूरे होंगे। इसे पूरा देश देखेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही श्रीराम मंदिर का निर्माण होगा और गौ हत्या पर पूरे देश में प्रतिबंध भी लगेगा। यहीं ब्रह्मलीन संत सत्यमित्रानंद का संकल्प भी था। उन्होंने कहा कि सत्यमित्रानंद गिरी अपने संकल्पों को बीच में छोड़कर नहीं गए हैं उन्होंने अपने संकल्प पूरा करने की सारी व्यवस्था की थी। मोहन भागवत ने उन पलों को याद किया जब उनकी पहली बार वर्ष 1965 में नागपुर में सत्यमित्रानंद से मुलाकात हुई थी। भागवत ने बताया कि वे 15 वर्ष के थे जब सत्यमित्रानंद से उनकी मुलाकात हुई थी। उस वक्त उनकी वाणी सुनकर ही मोहन भागवत प्रभावित हुए और उनसे हमेशा कुछ न कुछ सिखने की चाहत रखने लगे। कई साल बाद जब दोबारा सत्यमित्रानंद गिरी से बातचीत करने का मौका मिला तो उन्होंने ऐसी बातें की मानो दोनों एक दूसरे को अंतर्मन से जानते हों। उन्होंने कहा कि जैसी मधुर वाणी सत्यमित्रानंद गिरी की थी वैसी आज तक उन्होंने किसी की नहीं सुनी। मोहन भागवत से पहले बाबा रामदेव ने अपने संबोधन में ब्रह्मलीन संत सत्यमित्रानंद के राम मंदिर निर्माण औरोहत्या प्रतिबंध के संकल्प को दोहराया। इस मौके पर महामंडलेश्वर अवशेधानंद गिरी, पीठाधीश्वर गुरुशरण महाराज, योग गुरु बाबा रामदेव, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, गायत्री परिवार प्रमुख प्रणव पंड्या, भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरी सचिव हरि गिरि आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी प्रज्ञानंद गिरी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद भारती, चिदानंद मुनि ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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