Breaking News
jai shri krishna

राम नाम की मधुशाला में श्याम नाम की संजीवन हाला (मधुशाला की तर्ज पर)

jai shri krishna

virendra

B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित- 
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)

बदरी-केदार प्रदेश से राम-कृष्ण प्रदेश सहित पूरे भारत को राम-राम

जीवन सफल बना ले बन्धु पाकर राम नाम की मधुशाला
वहाँ पहुँचकर पा पाएगा बन्धु श्याम नाम की तू हाला
सोच जरा ध्यान से बन्धु कहाँ मिलेगा वह कंचन प्याला
जिसे पाकर हनुमान जी ने जीवन अपना राम के नाम था कर डाला।
श्री राम तक पहुँचने का केवल एक माध्यम है वह प्याला
प्रश्न खड़ा होता है आखिर किसने उस प्याले को ऐसा ढाला
एक समय था साथी पूरी धरती पर श्री राम का था बोलबाला
धन्य हो जाते थे धरतीवासी पीकर श्री राम नाम की हाला।
वीर बताएगा साथी किस धातु का बना है वह प्याला
किन विभूतियों ने इस कंचन प्याले को था ऐसा ढाला
कैसे बनी थी भारत की धरती पर अमृत से बढ़कर हाला
ब्रह्मांड की तमाम खूबसूरत बालाओं से बेहतर बाला।
रघुवंश की कई पीढ़ियों ने मिलकर ढाला था वह प्याला
गुरु वशिष्ठ और गुरु विश्वामित्र ने तैयार की थी वह हाला
ऋषियों मुनियों तपस्वियों ने जुटकर निर्मित की थी मधुशाला
श्री राम के तन-मन के संशोधन की वेदों से भी पावन यज्ञशाला।
वैष्णव शैव और माँ भगवती के भक्तो माँ धरती स्वयं एक मधुशाला
धरती के स्वभाव को तनिक मन से समझो ब्रह्मांड की यह मधुशाला
श्री राम चरित में पा जाओगे धरती माता के गुणों से सम्पन्न मधुशाला
श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को पिलाई थी यही हाला।
यही वह भारत भूमि जिसने सूत्रपात की थी विश्व-कल्याण की हलाहल-हाला
यही वह भारत भूमि जिसने धरती माता की शांति के लिए बनाई पूजा की अमृतमय माला
धरती माता से अधिक तेजोमय धीरजमय उपकारी और सौन्दर्यवान कहाँ कोई बाला
इसीलिए कह रहा वीर वेदों उपनिषदों अरण्यकों और संहिताओं ने घोषित की यह मधुशाला।
श्री अयोध्या श्री राम की जन्मशाला थी पर पूरी धरती रही उनकी कार्यशाला
मर्यादा पुरुषोत्तम ने घर-घर बाँटी थी मर्यादा की संजीवनी हाला
नंगे पाँव जंगलों में रह कर भी हृदय में जलती रही परोपकार की ज्वाला
विश्व कल्याण के लिए धरती को राक्षसमुक्त किया मन में सक्रिय थी यज्ञशाला।
हे अयोध्या के महातपस्वी नरेश तूने ऐसा कौन सा गुनाह था कर डाला
आक्रांता बाबर ने तेरा मन्दिर तोड़ा राम के देश ने उसे माफ कर डाला
कण-कण में समाए राम को मिटा डालने का उसने भ्रम था पाला
वीर जगा सोए कृतघ्न देश को याद दिला श्री राम की अमृत हाला।
राम-कृष्ण प्रदेश कहलाए यूपी तो हे योगी तुम पर राम की बरसेगी हाला
दिल्ली में फिर मोदी जी की सरकार होगी दूर रहेगी नाकाबिल सत्ता की खाला
वहीं पर श्री राम मन्दिर अगर बन जाएगा तो देश में भक्ति की लहर पर सवार होगी मधुशाला
अलीगढ़ को रामगढ़ या कौशाम्बी नाम वापस दे दो फिर देखो परिवर्तन की सुमधुर हाला।

जय भारत                                                           -जारी रहेगा
                                                                                               

Check Also

Monumentos incomuns e edifícios antigos

Nosso estado, como todos os países do planeta, é único em seus monumentos e estruturas …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *