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भ्रष्ट और कामचोर अफसरों को भी रिटायर करने की उठाई मांग

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देहरादून (संवाददाता)। उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) में अक्षम और दागी कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट (वीआरएस) देने की तैयारी का विरोध शुरू हो गया है। कर्मचारी यूनियनों ने भ्रष्टाचार के आरोपी और पद के अनुरूप काम न करने वाले अफसरों को भी रिटायर करने की मांग उठाई। रोडवेज में दागी और अक्षम कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की तैयारी चल रही है। निगम प्रबंधन ऐसे कर्मचारियों की सूची डिपो को भेज चुका है। डिपो से रिटायरमेंट देने पर कर्मियों को देयकों के सापेक्ष दी जाने वाली राशि का ब्योरा मांगा गया है। प्रबंधन करीब 300 कर्मचारियों को रिटायरमेंट देने की तैयारी में है। इस कार्रवाई से रोडवेज यूनियनों में हड़कंप मचा है। यूनियनें इसके विरोध में आ गई हैं। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि प्रबंधन ने सूची बनाने में भेदभाव किया है। सिर्फ कर्मचारियों की सूची बनाई गई है जबकि ऐसे तमाम अफसर भी हैं जो भ्रष्टाचार के आरोपी हैं और पद के अनुरूप भी काम नहीं कर रहे। कुछ कर्मचारी कोर्ट जाने की भी तैयारी करने लगे हैं। इस संबंध में जीएम परिवहन निगम दीपक जैन ने कहा कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट देने की अभी कोई तैयारी नहीं है। सिर्फ आकलन किया जा रहा है।
जिन कर्मचारियों को रिटायरमेंट देने की तैयारी है, उनमें अधिकांश चालक और परिचालक संवर्ग के हैं। ये लोग विषम परिस्थितियों में रोडवेज के लिए काम कर रहे हैं। यदि रिटायरमेंट देना है तो सभी अफसर-कर्मियों के रिकॉर्ड की समीक्षा हो। इसके लिए कमेटी बने। -दिनेश पंत, महामंत्री रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद
अनिवार्य रिटायमेंट की सूची में भेदभाव किया गया है। यूनियन इसका विरोध करती है। रिटायरमेंट को स्क्रीनिंग कमेटी बनानी चाहिए। कमेटी में यूनियन पदाधिकारियों का भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। -अशोक चौधरी, महामंत्री उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन

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