पार्टी नेता राहुल को कांग्रेस के संसदीय दल का मुखिया बनाना चाहते हैं, ताकि वे 2019 लोकसभा चुनाव तक नेता विपक्ष बने रहें। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पार्टी का सिरमौर बनने को लेकर भले ही अभी अनिश्चितता का माहौल हो, मगर लोकसभा में उनका प्रमोशन हो सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े को लोक लेखा समिति का चेयरपर्सन बनाए जाने के बाद नेता विपक्ष की कुर्सी खाली हो जाएगी। खडग़े अप्रैल में पीएसी चेयरमैन का पद संभालेंगे। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ पंजाब में स्पष्ट बहुमत मिला है, जहां से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं बाकी चार राज्यों में बीजेपी ने सरकार बनाई है। यूपी में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद करारी हार के चलते कांग्रेस के कई नेताओं ने राहुल के पार्टी की कमान हाथ में लेने की इच्छा जाहिर की है। मगर अब नेता विपक्ष का पद खाली होने के बाद, पार्टी नेता उन्हें कांग्रेस के संसदीय दल का मुखिया बनाना चाहते हैं, ताकि राहुल 2019 लोकसभा चुनाव तक नेता विपक्ष बने रहें। चर्चा है कि अगर राहुल नेता विपक्ष बनते हैं तो उनके खास सहयोगी, ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस के संसदीय दल का उप-नेता बनाया जा सकता है। यह पद केरल के किसी सांसद को भी दिया जा सकता है। इतिहास में ऐसा पहली बार है जब कांग्रेस ने लोकसभा के नेता विपक्ष को पीएसी का चेयरमैन बनाया है। कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनावों में 44 सीटें जीती थीं। संविधान के अनुसार, लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी के कम से कम 55 सांसद या कुल क्षमता (545) का 10 फीसदी होना चाहिए। हालांकि लोकसभा स्पीकर इस स्थिति में अपने विवेक से निर्णय ले सकते हैं।
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