Breaking News
456565566767

भारत के लोगो देश में हम बुतपरस्तों के खिलाफ चलाए जा रहे जिहादी-आतंक को ताड़ो

456565566767

एक और बुतपरस्त काफिर गजवा-ए-हिन्द का हुआ शिकार
         (अजय पंडित भारती)

एक और युवा कश्मीरी पंडित जिहाद का निवाला हुआ
एक और माँ भारती का लाड़ला गजवा-ए-हिन्द का निशाना हुआ
उठती जवानी में एक और काफिर का हमसे बिछड़ना तय हुआ
ऋषि कश्यप का एक और कर्मयोगी असमय रवाना हुआ
महान इतिहासकार-कवि कल्हन का एक वंशज छल से मार डाला गया
कश्मीर का जायज बीज एक बेरहमी से कुचला गया
नन्हे बच्चों का एक निर्दोष पिता इन बच्चों से छीना गया
माता-पिता के जिगर में शूल एक घोंपा गया
मासूम पत्नी को जिहादी-आतंक ने विधवा का लाइलाज जख्म दिया
बिना स्थानीय मदद के यह जिहादाना जघन्य कुकर्म बरपा नहीं हुआ
भारत के अन्दर बैठकर भारत की छाती पर मूँग दल रहे सेकुलरबाजों ने क्या किया
इन देशद्रोही सेकुलरबाजों ने हमेशा की तरह मीठा मौन ही धारण किया
अजय पंडित को एक गन्दी मक्खी की तरह विचारों में ही मसल कर रख दिया
इन मक्कार सेकुलरबाजों का वजूद ही भारत में जिहाद की खुराक है
इनके लिए देशभक्त हिन्दुओं की सोच गन्दी नाली में पड़ी राख है।
निजाम-ए-मुस्तफा का यह पन्द्रह सौ साल पुराना रिवाज है
चाहो तो कह लो कि यह सत्तर साल का जिहादी काज है
कुछ भी कह लो नासमझी में हर आदमी आजाद है
ला–इलाहा–इलल्लाह वालों को मेरी दाद है
तुमने अपनी शैतानी-चतुराई से दुनिया में फैलाई जो भ्रम की धुंध है
दुनिया को बाँट दिया तुमने कि ‘जिहादी-आतंक’ बस एक इस्लाम के खिलाफ प्रंपच है
मेरा भारत भी दुर्भाग्य से जाने-अनजाने में शुतुर्मुर्ग की मानिंद है।
सुन लो कश्मीर के मेरे काफिर भाई-बहनो सुन लो
सिन्ध के राजा दाहिर की हार से शुरू हुआ जिहाद का भारत में सिलसिला
सातवीं सदी के पहले कालखंड से चल रहा है यह जलजला
राजाओं की जीत-हार का नहीं है यह क्रूर सिलसिला
जिहादी-आतंक का चल रहा यह बुतपरस्ती के खिलाफ सिलसिला
कश्मीर से कन्याकुमारी तक चल रहा है यह अमानवीय सिलसिला
कश्मीर में आजादी के बाद भी चला यह हैवानियत का सिलसिला बदस्तूर
कश्मीर में हिन्दुओं ने सहा जिहादी-आतंक होकर मजबूर
क्योंकि दिल्ली में बैठे हुक़्मरान भावनाओं में कश्मीर से होते गए दूर
नब्बे के दशक ने तो नादिरशाह और औरंगजेब को भी पीछे छोड़ दिया
चंगेज खान और तैमूर को भी कब्रों में शर्मशार कर दिया
समझाओ पीड़ितों दुखियारो भारत को हकीकत समझाओ
साथ में अपने गहरे घाव भी सहलाओ
पन्द्रह सौ साल पुराना है जिहादी-आतंक धरती पर
हिन्दू ने सबसे अधिक सहा है इनका अत्याचार धरती पर
कम्यूनिस्टों और जिहादियों ने मिलकर अब अभियान है छेड़ दिया
मक्कार सेकुलरबाजों का साथ इनको मनमाफिक है मिल गया।
इसलिए माँ भारती के लाड़लो सावधान हो जाओ तन-मन से
जब तक बिखरेगा नहीं पड़ोसी जिहादिस्तान तसल्ली से
तब तक भारत के अंदर जिहाद का ज़हर कम न होगा
इसलिए सब मिलकर मौजूदा सरकार का रुख देखो
आगे-आगे होता है क्या तनिक धीरज रखकर देखो
हालाँकि, धीरज धरने की सलाह अब नपुंसकता की हद को पार कर गई
परन्तु, क्या करें देश के अधिकतर राजनीतिक दलों की इन्सानियत है मर गई।
                           -सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।

Check Also

Bahis Heyecani: Mostbet’te Zengin Spor Bahis Secenekleri

Bahis Heyecani: Mostbet'te Zengin Spor Bahis Secenekleri

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *