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नदी के पुनर्जीवन के लिए जनसहभागिता जरूरी: मुख्यमंत्री

रायपुर (जनसंपर्क विभाग)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अरपा बेसिन में संचालित तमाम सिंचाई परियोजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अरपा नदी क्षेत्र के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं हैं। इसे पुनर्जीवित करने के लिए इससे जुड़े तमाम विभाग आपसी तालमेल के साथ काम करना सुनिश्चित करें ताकि जल्द से जल्द अरपा नदी की प्यास बुझाकर इसे पूर्व की तरह बारहमासी नदी में तब्दील किया जा सके। बघेल भेंट मुलाकात के दौरान बिलासपुर में आज अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण की बैठक में इस आशय के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नदी को पुनःजीवित करने के लिए शासकीय प्रयासों के साथ जनसहभागिता भी जरूरी हैं। बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, विधायक धरमलाल कौशिक, शैलेश पाण्डेय, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, रजनीश सिंह, अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभयनारायण राय, पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, महापौर रामशरण यादव सहित जिले के प्रभारी सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग, कलेक्टर सौरभकुमार सहित कोरबा कलेक्टर संजीव कुमार झा, मुंगेली कलेक्टर राहुल देव, जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं प्राधिकरण के सदस्य उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि अरपा नदी जलग्रहण क्षेत्र का संपूर्ण विकास के लिए अगस्त २०२१ में नये स्वरूप में अरपा बेसीन विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। वैज्ञानिक आधार पर ऐसी संरचनाओं का निर्माण किया जायेगा जिससे नदी में बारहों महीने पानी बहती रहे। प्राधिकरण के क्षेत्र में बिलासपुर सहित जीपीएम, मुंगेली और कोरबा जिले की ६२५ गांव शामिल हैं। इन ग्रामों की ३,६३४ वर्ग किलोमीटर इसके जलग्रहण क्षेत्र में शामिल हैं। अरपा एवं इसकी सहायक नदियों में जल संसाधन विभाग द्वारा छोटी बड़ी मिलाकर ११६ योजनाएं संचालित हैं, इनकी रूपांकित सिंचाई क्षमता ८६ हजार ६०५ हेक्टेयर है। अरपा नदी को जीवंत बनाए रखने के लिए फिलहाल ३ बैराज परियोजनाएं प्रगति पर हैं। इनमें अरपा भैंसाझार, शिवघाट व पचरीघाट शामिल हैं। इसके अलावा वर्ष २०२३-२४ के बजट में छपरा टोला सहित ९ योजनाएं मंजूर की गई हैं। इन योजनाओं से अरपा में पानी छोड़कर पुनर्जीवित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्राधिकरण में चल रहे विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण देखा। उन्होंने कहा कि शहर से लगे अरपा नदी में निर्माणाधीन शिवघाट बैराज को जून माह के अंत तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए। इस बैराज के बन जाने से शहर की जल समस्या काफी हद तक दूर होगी। बैठक में अरपा विकास प्राधिकरण के सदस्य महेश दुबे, नरेन्द्र बोलर, आशा पाण्डेय भी उपस्थित थी। अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय ने स्वागत उद्बोधन दिया।


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