हरिद्वार (संवाददाता)। प्रयाग अर्द्धकुंभ में इस बार अनेक महामंडलेश्वर, महंत और श्रीमहंत गद्दीनशीन करने का काम शुरू हो गया है। चादर ओढ़ाने और पट्टाभिषेक की तैयारियां चल रही हैं। इस बार अर्द्धकुंभ व्यष्ठि और समष्ठि भंडारों की बाढ़ आने वाली है। धर्म ध्वजाओं के साथ-साथ पेशवाईयों की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। हरिद्वार से अधिकांश अखाड़ों के नागा संन्यासी और रमता पंच प्रयाग कूच कर चुके हैं। जमातों में निकलने वाला सामान और शाही जुलूसों के लिए जरूरी सामग्री प्रयाग पहुंचाई जा रही है। सभी अखाड़े अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन अखाड़ा परिषद की ओर से भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिन अखाड़ों में महामंडलेश्वर बनाए जाने हैं या खालसे सजने हैं, वहां अभी से जोरदार तैयारियां हैं। बड़े-बडे समष्ठि भोजों के अलावा लघुु भोजों की भी तैयारी है। नागा संन्यासियों की तमाम मढिय़ों में भी चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अखाड़ों के कारोबारियों और थानापतियों के दायित्व नई मढिय़ों को प्रदान किए जाएंगे। सभी अखाड़ों में मढिय़ों की संख्या अलग-अलग है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयाग के अर्द्धकुंभ को कुंभ नाम ठीक ही दिया है। वास्तव में प्रयाग में अर्द्धकुंभ के अवसर पर भी कुंभ जैसे शाही स्नान होते हैं। परिणाम स्वरूप कुंभ नामकरण और कुंभ लोगो तैयार करना पूरी तरह शास्त्र सम्मत है। श्रीमहंत हरि गिरि ने बताया कि समस्त अखाड़े संतों को नए-नए पदों पर आसीन कर रहे हैं। अखाड़ा परिषद लगातार फर्जी संतों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, इसलिए पूरी छानबीन के बाद ही नए पद प्रदान किए जा रहे हैं। जिन संतों ने अखाड़ों में आवेदन किया है, उनके बचपन से अब तक के सारे रिकॉर्ड मंगाने के बाद ही पद दिया जाएगा। प्रयाग के बाद होने वाले हरिद्वार कुंभ में भी ऐसा ही होगा। वर्तमान में जिन संतों के विरुद्ध जांच बैठाई गई थी, उनकी रिपोर्ट आ गई हैं। उन्हीं के अनुसार नए पद प्रदान और बहाल किए जा रहे हैं। संत समाज को पूर्ण शुुद्ध करना अखाड़ा परिषद का लक्ष्य है। अर्द्धकुंभ में अखाड़ा परिषद निर्णय करेगी कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए नागा संन्यासी कब कूच करें। मंदिर निर्माण को अब टाला नहीं जा सकता।
Check Also
Monumentos incomuns e edifícios antigos
Nosso estado, como todos os países do planeta, é único em seus monumentos e estruturas …