
चमोली थराली केशर सिंह नेगी
उत्तराखण्ड राज्य जहां एक ओर बेहतर सड़क ,बेहतर शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए शहीदों की शहादत से बनाया गया था ,राज्य बनने के बाद बुनियादी सुविधाओं के साथ साथ यहां पर्यटन में अपार संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन से राजस्व जुटाने की भले ही हर सरकार बात करती रही लेकिन सत्ता में आते ही हर सरकार सिमट कर रह गयी केवल और केवल शराब को बढ़ावा देने और शराब से राजस्व जुटाने में आंकड़ो के भी लिहाज से देखा जाए तो हर सरकार ने लगभग शराब से जुटे राजस्व की दोगुना वृद्धि पर ही ज्यादा फोकस किया है लेकिन उत्तराखण्ड में शराब के शौकीनों को ये शराब न तो प्रिंट दामो पर मिल रही है और न ही अच्छी किस्म की रेगुलर ब्रांड ही पीने को मिल पा रही है
चमोली जिले के थराली तहसील अंतर्गत नारायणबगड़, थराली, देवाल और ग्वालदम में अंग्रेजी शराब की चार दुकानें हैं लेकिन इन चारों दुकानों पर ग्राहकों की जेब पर डाका डाला जा रहा है इन चारों दुकानों में प्रिंट रेट से ऊंचे दामो पर शराब की बिक्री ग्राहकों के लिए की जा रही है वही थराली स्थित शराब की दुकान की बात करें तो यहाँ पर 610 mrp की अंग्रेजी शराब की बोतल पर लगभग 80 से 90 रुपए अतिरिक्त लेकर 700 रुपये के आसपास में बिक्री की जा रही है वही 520 रुपये बिक्री की बोतल पर 600 रुपये वसूले जा रहे हैं शराब के अद्धे और पव्वो पर भी बदस्तूर 30-से 50 रुपये अधिक वसूले जा रहे हैं वही बियर की 190 mrp पर लगभग 35 से 40 रुपए अधिक वसूले जा रहे हैं
आबकारी इंस्पेक्टर रविन्द्र डिमरी के अनुसार एक माह के कुल अधिभार पर लगभग 800 पेटी शराब यानी 10000 बोतल और लगभग 200 पेटी बियर यानी कि 2400 बोतल बियर की बिक्री थराली स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान से की जा सकती है इस लिहाज से देखा जाए तो प्रति बोतल 80 रुपये अधिक वसूली पर शराब व्यवसायी ग्राहकों की जेब से 1 माह में 10000*80 = लगभग 8 लाख रुपये का डाका डाल रहे हैं,वही प्रति बियर लगभग 40 रुपये की अधिक वसूली पर लगभग 64000 रुपये की काली कमाई ग्राहकों से की जा रही है, लेकिन ग्राहकों से मिल रही लगातार शिकायतों के बावजूद भी ओवररेटिंग का ये गोरखधंधा बदस्तूर जारी है ,ऐसा नहीं है कि ओवरेटिंग की शिकायतें जिला आबकारी विभाग के पास नहीं है लेकिन विभाग हर बार निरीक्षण की बात कह कर ओवररेटिंग के धंधे को बढ़ावा देने का काम कर रहा है बताते चले कि कुछ हफ्ते पहले ही आबकारी टीम ने थराली स्थित शराब की दुकान का चालान स्वैप मशीन न होने की वजह से किया था,दुकानों पर स्वैप मशीन न होने की सबसे बड़ी वजह पर ग्राहक बताते हैं कि स्वैप मशीन होने की वजह से ओवररेटिंग नही हो पाती ,इस वजह से सेल्समैन नकद में ही ग्राहकों की जेब पर ओवररेटिंग का डाका डाला जाता है हालांकि इस चालान के सापेक्ष आबकारी विभाग ने कितने रुपये का जुर्माना अनुज्ञापि पर लगाया है इसे बताने से अधिकारी गुरेज कर रहे हैं आबकारी इंस्पेक्टर रविन्द्र डिमरी के अनुसार उन्होंने चालान की चार्जशीट बनाकर जिला आबकारी अधिकारी को सौंप दी है लेकिन जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि अवकाश पर होने की वजह से वे अभी जानकारी देने में असमर्थ हैं स्थानीय शिकायतकर्ताओं ,मनोज रावत, संदीप रावत, गिरीश चंद्र ,मुकेश ,कमलेश और गबर सिंह ने बताया कि शराब की ओवररेटिंग थराली में लंबे समय से जारी है लेकिन आबकारी विभाग द्वारा इस ओवररेटिंग को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किये जा रहे वहीं अगर ओवररेटिंग की बजाय mrp पर शराब खरीदने की बात करते हैं तो सेल्समैन द्वारा शराब देने से मना कर दिया जाता है
वहीं थराली ब्लॉक प्रमुख राकेश जोशी ने कहा है कि शराब की ओवररेटिंग की शिकायतों पर आबकारी विभाग को संज्ञान लेना चाहिए ,ओवररेटिंग के जरिये ग्राहकों की जेब पर डाका डाला जा रहा है
क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं शराब की ओवररेटिंग पर जिला आबकारी अधिकारी दीपाली शाह का कहना है कि शराब की ओवररेटिंग की शिकायतें उनके पास आई हैं जिस पर उनके द्वारा आबकारी टीमो को निरीक्षण के लिए भी भेजा जाता है और मौके पर किसी भी तरह की ओवररेटिंग पाई जाती है तो अनुज्ञापि का चालान भी किया जाता है