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अनाथ और असहाय बच्चें भी समाज के महत्वपूर्ण अंग है-जिलाधिकारी

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उत्तराखंड चमोली से केशर सिंह नेगी की रिपोर्ट
सच ही कहा गया है, आज भी इंसानियत बाकी है, जिसके चलते दुनिया चल रही है। उन्हीं जिंदा दिल इंसानों में से एक है चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया। जिन्होंने जिले में चाइल्ड हेल्प लाईन द्वारा रेस्कयू किए गए अनाथ, असहाय, दिब्यांग एवं एकल परिवार के बच्चों को अपने बंगले में स्वयं भोजन कराया और कपड़े बांटे। जिलाधिकारी ने चाइल्ड हेल्प लाइन द्वारा जिले में रेस्क्यू किए गए अनाथ, असहाय, दिब्यांग एवं एकल परिवार के 23 बच्चों को अपने निवास पर भोजन कराया और उनको स्कूल बैग, कापी, सूज व कपडें देकर बच्चों के साथ गेम्स खेलते हुए खुशियां बांटी। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे बच्चों के साथ इस तरह का आयोजन समाज को भी इनके प्रति जागरूक करेगा। इससे अनाथ व असहाय बच्चों को अपनापन महसूस होगा और वे भी समाज की मुख्यधार से जुड़कर आगे बढेंगे। कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से उन्हें एक अलग अनुभूति का अहसास हुआ है। इस दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों ने खेल-खेल में जीवन में लक्ष्यों के साथ आगे बढने तथा अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए भी प्रेरित किया। बच्चों ने भी कविताएं सुनाई, गाने गाए और डांस कर इस पल का खूब आंनद उठाया।

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जिलाधिकारी ने कहा कि अनाथ और असहाय बच्चें भी समाज के महत्वपूर्ण अंग है और इनकी देखरेख व विकास के लिए हम सबकी जिम्मेदारी है। अनाथ व असहाय बच्चों को भी समान तौर पर अपना जीवन जीने का अधिकार है। ऐसे बच्चें समाज से जुड़े तथा समाज के साथ चले इसके लिए हम सभी को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने चाइल्ड हेल्प लाइन को जिले में ऐसे अनाथ व असहाय बच्चों की नियमित माॅनिटरिंग करने तथा कोई भी समस्या होने पर तत्काल कार्यवाही करने को भी कहा।

इससे पूर्व जिलाधिकारी ने समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत बाल सलाहकार बोर्ड की बैठक लेते हुए बाल अधिकारों को लेकर लोगों को संवेदनशील बनाकर जनजागरूक करने एवं चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 का व्यापक प्रचार प्रसार कर बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों को उनके अधिकारों को सुलभ कराना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत सरकारी विभाग, स्वयं सेवी संस्थाएं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को पूर्णरूप से इसके लिए तत्परता से कार्य करने की बात कही, ताकि बच्चों को उनके मूल अधिकार प्राप्त हो सके। उन्होंने बाल अधिकारों को लेकर लोगों को संवेदनशील बनाकर बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत करने तथा बाल सुरक्षा कार्यो का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। बोर्ड के सदस्यों को सार्वजनिक स्थलों जैसे शिक्षण संस्थाओं, आंगनबाडी केंद्रों, कार्यस्थलों, व्यावसायिक वाहनों, टैक्सी यूनियन के कार्यालय एवं टैक्सी स्टैंड पर चाइल्ड हेल्पलाइन नंबरों को चस्पा करने को कहा। जिलाधिकारी ने श्रम एवं प्रवर्तन अधिकारी को बाल श्रम पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश देते हुए बाल श्रम के मामलों में तत्काल प्राथमिक दर्ज कर समिति के समक्ष मामले रखने बात कही।

हिमाद समिति की जिला समन्वय प्रभा रावत ने बताया कि चाइल्ड हेल्प लाइन के तहत बाल श्रम के 103 मामले, भीख मांगने वाले बच्चों के 16, दुव्र्यवहार व मारपीट के 13, लापता के 04, स्पांन्सरशिप के 28 सहित कुल 180 माममों दर्ज किए गए है, जिनमें सुरक्षात्मक कार्यवाही की गई है।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा, एडीएम एमएस बर्निया, सीएमओ डा. एके डिमरी, सीओ पुलिस पीडी जोशी, डीईओ आशुतोष डिमरी, सीडीपीओ सोएब हुसैन, समाज कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र लाल, हिमाद समिति के सचिव उमा शंकर बिष्ट, सीडब्लूसी की अध्यक्ष प्रभा रावत आदि उपस्थित थे

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