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किसी को भी चौदहवें अखाड़े के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी :श्रीमहंत नरेंद्र गिरी

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हरिद्वार  । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने प्रैस को जारी बयान में कहा है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य ने 13 अखाड़ों की स्थापना की थी। जो आज भी विधिवत रूप से सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं। अनादि काल से सभी तेरह अखाड़ों की अपनी अलग अलग परंपराएं हैं। जिसका निर्वहन वह भली-भांति कर रहे हैं। उन्होंने प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अपील करते हुए कहा कि किसी भी अखाड़े को 14वें अखाड़े के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती और ना ही दी जाएगी। इसलिए किसी भी अखाड़े को चौदहवे अखाड़े के रूप में प्रचारित व प्रकाशित ना किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी कुंभ मेला आयोजित होता है। वहां पर बैठक में केवल तेरह अखाड़े ही भाग लेते हैं और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद मात्र 13 अखाड़ों को ही मान्यता देता है। इसलिए मीडिया द्वारा 14वें अखाड़े को लेकर भ्रामक प्रचार ना किया जाए। उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन अनादि काल से हो रहा है और सनातन परंपराओं को सभी जानते हैं। सभी तेरह अखाड़ों के स्नान क्रम सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि किसी के भी लिखने मात्र से 14वें अखाड़े का गठन नहीं हो सकता। इसलिए कोई भी 14वें अखाड़े को लेकर भ्रमित ना हो। अखाड़े केवल तेरह हैं और तेरह ही रहेंगे। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री के मां मनसा देवी से शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि मां गंगा की कृपा से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जल्द ठीक होकर कुंभ मेले की कमान संभालेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर हैं। उनके द्वारा किए जा रहे प्रयास अच्छे संकेत दे रहे हैं। संत महापुरूषों के आशीर्वाद वे शीघ्र स्वस्थ होंगे। इस दौरान श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी, श्रीमहंत ओंकार गिरी, महंत केशवपुरी आदि भी मौजूद रहे।

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