Breaking News
mussoorie

मसूरी बोली देहरादून दादा मुहँ ना लटकाओ

mussoorie



मसूरी बोली देहरादून दादा मुँह ना लटकाओ
दिल का दर्द आ जुबाँ पर लाकर दिखलाओ
घुट-घुट का जीते हो गुमसुम रहा करते हो
उँगली पकड़कर चलना सिखाया तुमने
पहाड़ तक मुझको चढ़ाया तुमने
दो-दो कदम बसाया तुमने
सिखाया समझाया पाला तुमने
सजाया चमकाया दमकाया तुमने
तुम्हारी बदौलत सारी दुनिया मुझको
पहाड़ों की रानी कहती है
मेरे आलिंगन में आकर खुद को
खुशकिस्मत कहती है
इसलिए तुम्हे आज मुझको अपना दर्द बताना होगा
अंग्रेजों की कसम तुम्हे यह राज बताना होगा।
देहरादून दादा बेचारे मसूरी से हारे
सच बताकर क्या होगा बाबा ना रे ना रे ना रे
गुरु राम राय का आशीष पाकर मैं घाटी में फैला
लेकिन प्यारी मसूरी बेटी मैं रह गया मैला-मैला
देख-रात में रोज-रोज तू दुल्हन सी सजती है
तेरी चमक-दमक रात में तारा मंडल लगती है
मेरा क्या मैं घंटों-घंटों अँधेरे में डूबा रहता
तेरी चमक-दमक ताक कर मैं आहें भरता
बेटी-देश के कर्णधारों के मुँह मैं नहीं लगता
इनकी नासमझी-नालायकी पर बस में इतना कहता
बुजुर्गों की ऐसी बेकद्री हरगिज ठीक नहीं है
श्रवण कुमार के देश में कर्णधारों की नीयत ठीक नहीं है
बेटी मजबूर कर दिया तुमने सो मैंने बतलाया
वर्ना ऐसी जलालत पर क्या मैं कभी पगलाया।

                        

               VIRENDRA DEV GAUR

                  CHIEF-EDITOR

Check Also

Mostbet: Oyun Statistikasi ve Analitika

Mostbet: Oyun Statistikasi ve Analitika

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *