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एसपी सिटी, सीओ मसूरी के अथक प्रयासों के बाद मर्डर का खुलासा

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मामला बिटकॉइन / क्रिप्टो करेंसी से था जुड़ा हुआ
अर्जुन सिंह भंडारी
*देहरादून:- मैक्स अस्पताल में 4 युवकों द्वारा एक युवक को मृत छोड़ के भागने का मामला असल में करोड़ों रुपये का निकला। देहरादून एसपी सिटी व सीओ मसूरी के अथक प्रयासों के बाद दून पुलिस द्वारा इस मामले में वांछित सभी 4 युवकों सहित एक और युवक के साथ दिल्ली जाने वाली बस में सवार होने की सूचना रुड़की पुलिस को साझा कर बस को रुड़की में रुकवाकर सभी को गिरफ्तार कर लिया है।पकड़े गए सभी अभियुक्त मृत युवक के शहर मल्लापुरम,केरल के ही थे और मृत युवक के साथ बिट कॉइन / क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाते थे।
बीती बुधवार को थाना राजपुर को मसूरी रोड स्थित मैक्स अस्पताल द्वारा 4 युवकों द्वारा क्रेटा कार से अस्पताल में भर्ती कर फरार होने की सूचना दी जिसके बाद पुलिस द्वारा फरार युवकों से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज सभी थानों में साझा की गयी।जिसके बाद डेढ़ दिन के अथक प्रयास और दिन रात सर्चिंग आपरेशन के बाद फरार युवकों में से एक को आईएसबीटी के पास देखा जिसके बाद पुलिस द्वारा उस बस का पीछा किया गया जिसमे सभी युवक बैठकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे,जिसके बाद एसपी सिटी व सीओ मसूरी द्वारा बस की लोकेशन को सर्विलांस पर लेकर रुड़की पुलिस की मदद से बस को रुकवाकर सभी अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार किया।
पकड़े गए अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि घटना में कुल 9 लोग शामिल थे जिसमे से 4 फरार है। पकड़े गए अभियुक्तों में फारिस ममनून,अरविंद सी,अंसिफ,सुफेल,आफताब मोहम्मद सभी निवासी केरल के है। पकड़े गए अभियुक्तों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि अब्दुल शकूर द्वारा लगभग 485 करोड़ रुपये लोगों से बिटकॉइन /क्रिप्टो करेंसी के नाम पर इकठ्ठा किया था जिसके लिए अब्दुल शकूर द्वारा एक कोर टीम बनाई गयी थी जिसमे रिहाब,आसिफ,अरशद और मुनीफ़ थे, जो और लोगों को इस में पैसे डालने के लिए मनाते थे।इस कोर टीम द्वारा भी अपनी एक -एक टीम बनाई गयी थी।आशिक अब्दुल का काफी करीबी था उसके द्वारा भी अपने करीबियों आफताब,अंसिफ,फरासी,सुहेल और अरविंद को लेकर एक टीम बनायी गयी थी। इन सभी के द्वारा इकठ्ठा किया गया पैसा अब्दुल पर आता था। शकूर को जब बिटकॉइन में घाटा हुआ तो वह अपने साथियों आशिक,अरशद,मुनीफ़ और रिहाब के साथ केरल से फरार हो गया।

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पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि अब्दुल शकूर द्वारा आशिक को गुमराह किया गया कि उसका बिटकॉइन एकाउंट हैक हो गया है और वह अपनी ही करेंसी निकालने की बात कहने लगा जिससे फायदा होगा तो वह लोगों का पैसा वापिस कर देगा। आशिक को यह पता था कि चाहे अब्दुल शकूर को नुकसान हुआ है पर उसके पास अब भी करोड़ो रुपये है जिसे अब्दुल से उगलवाकर उसका पासवर्ड हासिल कर लिया जाए तो वह करोड़ो रुपये उसके हो जायेंगे। यासीन को अपनी टीम के लोगों के साथ मिलाकर उसने इस प्लान के लिए दून में कोई एकांत जगह ढूंढने को कहा जहां उससे सब कुछ उगलवाया जा सके। प्लान के मुताबिक आशिक अब्दुल को लेकर 12/ 13 को दून पहुँचा जिसके साथ उसके साथी रिहाब,अरशद,मुनिफ भी थे। यासीन द्वारा सुद्धोवाला प्रेमनगर में पंकज उनियाल का घर चिन्हित किया जहां यह लोग 20 तारीख को गए व साथ ही आशिक द्वारा आने साथियों के साथ अब्दुल के साथियों को मिलाने की बात की गयी और इससे षड्यंत्र में न शामिल न होने पर उन्हें भी बंधक बनाये जाने की बात की। इसी दौरान प्लान का हिस्सा अन्य पांच आफताब,अंसिफ,फरासी,सोहेल,अरविंद 26 को दिल्ली से दून पहुँचे। अपने प्लान के बारे में जान इन सभी ने अब्दुल के साथियों को बताया तो वह भी बिना विरोध के उनके प्लान में शामिल हो गए । इन सभी के द्वारा अब्दुल से पासवर्ड जानने के लिए उससे शारीरिक यातनाएं दी गयी,अत्यधिक यातनाओं के बाद जब वह मारने लगा तो पैसा डूबता देख उसे वह सब सबसे पहले सिनर्जी अस्पताल व बाद में मैक्स परंतु दोनों जगह डॉक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित किया गया। अस्पताल से निकलने के बाद गिरफ्तारी के डर से वह सभी रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक में कहीं छुप गए। इनमे से यासीन दून से पहले से परिचित था जिस कारण सुबह होने पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू होते ही यह सभी आईएसबीटी बस अड्डे पहुच गए व वहां से बस में बैठकर सहारनपुर के रास्ते दिल्ली जाने लगे परंतु पुलिस दवेसर रुड़की में ही धर दबोचे गए।

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