
B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
Mob.9528727656
जिस पल हर तीसरा दिल केवल माँ भारती का हो जाएगा
उसी पल देश की माटी से जिहाद का ज़र्रा-ज़र्रा मिट जाएगा।
देशभक्ति के दीपक तीन उजियारा अखंड अंतहीन
(शहीदी दिवस, मार्च 23,2019)
भारत माँ के लाड़ले तीन
शहीद राजगुरु
शहीद भगत सिंह
शहीद सुखदेव
यादों की बगिया के पुष्प ताजातरीन।
तुम्हारे दिलों में
करवट लेता था जो वसंत
तुम्हारे दिलों में
हिलोरे लेती थी जो तरंग
तुम्हारे दिलों में
मचलती थी जो भावना अंतरंग
तुम्हारी तीनों की
हमारी सब की
माता भारती की साँसों में ताजा वह उमंग।
तुम तीन
शरीर से रुखसत हुए संग-संग
तुम तीन की इच्छा हमारे संग-संग
तुम्हारी सोच में लिपटे थे जो रंग
वे हैं हमारी सोच के अंग
भारत तुम्हारा वह प्यारा
हो गया तीन भागों में भंग
लिखते हुए आँसू टपकते हैं संग
लिख रहे फिर भी होकर दंग
बांग्लादेश हो गया आधे से ज्यादा अपना बंग
जिहादिस्तान बन गया इससे पहले
भारत माता का पश्चिमी अंग
नहीं रह पाए हम संग
जिहादिस्तान के खूंखार जिहादी रंग-ढंग।
सदियों-सदियों बाद देश होश में आया
‘‘जैसे को तैसे’’ का सच समझ पाया
यह चाणक्य का दिया मंत्र हमने भुलाया
लगता है देश नहीं रहेगा अब भरमाया
दिल में शांति बाजुओं में नया आवेश आया
अगर आप तीनों का आशीष मिल पाया
भारत को बनाएंगे प्रेम और न्याय का हमसाया
आप तीनों की कुर्बानी को नहीं करेंगे जाया
भले ही जयचन्दों से भरा देश हमने पाया
किन्तु अब खुद को बदलने का युग आया
खुद को हमने भारत माता का चौकीदार बनाया
इंक्लाब का नया दौर जो आया
धरती से पन्द्रह सौ साल पुराना ‘‘जिहाद’’ मिटाने का जज़्बा छाया।
जय भारत जय जवान जय किसान