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B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
जन सेवा समिति की प्रातःकालीन स्वैच्छिक सेवा
सुबह-सुबह ठंड की शामत आई
जन सेवा समिति की जोशीली टोली आई
भाप उडा़ती चाई लाई
जनवरी की ठंड के होश उड़ाने आई
दून हास्पिटल में मरीज मामा हो या माई
घंटाघर हो या फिर कहीं कोई बाबा या बाई
सबके लिए फटाफट चुस्त टोली आई
गरम-गरम चाई के कन्टेनर भर कर लाई
गरम पानी और बिस्कुट भी संग लाई
पियो बहनो पियो बेटी पियो माई
पा लो सुबह-सुबह थोड़ी गरमाई
मौसम की बेरहम रुखाई
सुख दुख में हम सब भाई-भाई
ऊपर वाला सबको देता है रजाई
फिर भी खुदी हुई है नीचे भेदभाव की खाई
पियो माई पियो भाई
गरम चाई करेगी थोड़ा भरपाई
जन सेवा समिति ने ली अंगड़ाई
जाड़े भर करीब-करीब रोज बाँटेंगे हम मिलकर चाई।
-जय भारत