एक ओर देव भूमि हिमाचल
दूजी ओर चार धाम प्रदेश उत्तराखंड का आँचल
बीच बहे जमुना माई कल-कल छल-छल
तहाँ धार, जमुना के ऊपर
हिमाचल की पावन माटी पर
शोभित एक अति पावन धाम
विराजे वहाँ साक्षात गुरु गोबिंद सिंह भगवान।
धन-धन हिमाचल प्रदेश पार
धन-धन उत्तराखंड आर
शिव-धाम हिमालय की छाँव अपार फलदार
पौंटा साहेब का विश्व-प्रसिद्ध गुरुद्वार
मिले आशीष, मिले गुरु गोविन्द सिंह का रूहानी प्यार
भारत की माटी के विरले संत, पौंटा साहेब की अमर-सरकार।
धामों में पौंटा साहेब का गुरु धाम
गुरु गोबिन्द सिंह साहेब का दुनिया को पैग़ाम
कवि मन, सन्त-जन, योद्धा रहे अतुल बल धाम
कवि सम्मेलन करते थे गुरु गोबिन्द सिंह जी कवि-महान
वहीं, जहाँ विराज रहा गुरु-द्वारा पवित्र-धाम
दसवें गुरु जी की तो कथा महान ज्ञान-वान
जात-पात मिटाना चाहते थे भगवान
किया देश पर सब-कुछ कुर्बान
दुनिया में कहीं नहीं देखा उनके जैसा अनोखा बलिदान
जमुना माई का जानो, गुरु जी पर मान-सम्मान
शांत हो बहती हैं गुरुद्धारे की नीचे से माई जमुना, जमुनोत्री की शान।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor(NWN)
Mob.9557788256