Breaking News
election

यूपी में लड़कपन की हार गुजरात में छिछोरापन तार-तार

election



करीब आठ सौ साल गुलाम रहा देश शायद जाग रहा है। अठारह दिसम्बर की सुबह एक नया संदेश लेकर आ रही है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम भारत के दृश्य और अदृश्य-दोनों तरह के जिन्नाओं के गाल पर करारा तमाचा होंगे। उन्नीस सौ सैंतालीस के समय भारत में एक जिन्ना था जबकि अब तो देश के अन्दर जिन्नाओं की सेना तैयार बैठी है। भारत माता की जय को मजहब के खिलाफ मानने वाला हर आदमी देशद्रोही है। हर वह आदमी जो ऐसों के साथ खड़ा है वह तो और भी बड़ा देशद्रोही है। सच तो यह है कि अठारह दिसम्बर का दिन वोट के लिये देश पर प्रहार करने वालों के लिये कड़ी चेतावनी लेकर आने वाला है। देश तीन तलाक जैसी कुप्रथा से आजादी चाहता हैं। कठमुल्लाओं को समझना पड़ेगा कि यह सामाजिक कुप्रथा भारत के माथे पर कलंक का टीका है। यह सौ-फीसदी सामाजिक और राष्ट्रीय मसला है। जिन्ना की मानसिकता वाले नकली भारतीय इसका विरोध कर रहे हैं। तीन तलाक पशु प्रवृत्त्ति है जिसे जड़ से नष्ट करना हैं। राम मन्दिर निर्माण का विरोध भी एक मानसिक बीमारी है जिसे जड़ से मिटाना जरूरी है। श्री राम भारत के आदि पुरुष हैं। उन्हे भूलकर राष्ट्र का उत्थान संभव नहीं। 
      मैं दावे से कह सकता हूँ कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजे राम विरोधियों के पाँवों के नीचे से जमीन खिसकाने वाले हैं। राम विरोधियो, हर देश  की आपनी समस्यायें होती हैं। सभी समस्याओं के हल झटके से निकालना संभव नहीं होता। किन्तु श्री राम के मन्दिर का विरोध देश की सबसे बड़ी समस्या है। जब तक देश की चेतना के पर्याय श्री राम को आप तिरपाल के नीचे कैद रखेंगे तब तक देश का उद्धार संभव नहीं। 
     अठारह दिसम्बर का भूचाल साफ संकेत लेकर आ रहा है कि देश में मुस्लिम तुष्टिकरण में जुटी देशद्रोही राजनीतिक शक्तियो, अपनी गिरी हरकतों से बाज आ जाओ। देश में नारी-सम्मान और नारी-गरिमा को राजनीति का हिस्सा बनाओ किंतु साफ मन से। देश को तीन तलाक और बलात्कार से मुक्ति दिलाने का संकल्प लो। राम और कृष्ण के देश में बलात्कार ने एक कुप्रथा का रूप ने लिया है। हमें यह स्वीकार करना पड़ेगा कि बलात्कार का गुनाह चार मासूमों को कत्ल कर देने से बड़ा अपराध है। हमें यह भी मानना पड़ेगा कि तीन तलाक एक सामाजिक कोढ़ है। हमें यह भी मानना पड़ेगा कि रिश्वतखोरी देशद्रोह है। हमें यह भी मान लेना चाहिए कि देश की शिक्षा  व्यवस्था दवाई नहीं बोझा बन चुकी है। किंतु फिलहाल 18 दिसम्बर का दिन दो राज्यों से कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने का पैगाम लाने को बेताब है। जो राम भक्तों के लिये सुकून से कम नहीं क्योंकि यह सबसे पुराना राजनीतिक दल कट्टर मुसलमानों और कट्टर ईसाइयों को खुश करने के लिये श्री राम को काल्पनिक घोषित करने की जुर्रत करता है। वह भी सबसे बड़ी अदालत में।

                                                                                                                                                                        Virendra Dev Gaur

                                                                                                                                                                           Chief-editor

Check Also

Effektiv Merc Ucun Mostbet Platformasinda Izlenilecek Addimlar

Effektiv Merc Ucun Mostbet Platformasinda Izlenilecek Addimlar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *