

B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
“बॉल-बल्ला-बिरादरी” भारत माता के मान से समझौता मत करो
बॉल-बल्ले के जनक
हे महान इंग्लैंड
जिहादी जिन्नाह के दिल में
जब सुलग रही थी जिहाद की आग
तब तूने समय-समय पर घी डालकर
भड़काई थी यह आग।
अब हे महान इंग्लैंड
अपने फर्ज से मत भाग
अरे भाई अब तो तू जाग
संयुक्त राष्ट्र संघ में दे रहा
जब तू भारत का साथ
तब क्रिकेट के मामले में
खींच रहा पीछे क्यों हाथ।
सुन ले पुराने पापी महान
बॉल-बल्ले के पापा-मम्मी महान
तूने ही तो निकाल कर
रख दी मेरे देश की जान
हाँ-हाँ मेरी मान।
चाचा नेहरू के आदरणीय दोस्त रहे
अन्तिम अंग्रेज गवर्नर जनरल माउन्टबेटेन महान
देशभक्त इतिहासकारों ने कहा इन्हे
‘‘मन-बाटन’’ यानी मन बाँटने वाला इन्सान
एक ज़हरीले बाण का इसने किया अनुसंधान
रियासतें अपनी-अपनी मर्जी से
चुनें भारत या फिर जिहादिस्तान
‘कश्मीर फसाद’ की जड़ में
यह दुष्ट आदमी भी शामिल है महान।
मुगल औरंगजेब का काबिल अवतार
जिहादी जिन्नाह माना जाता है
जिहादिस्तान का ‘‘कायदे-ए-आजम’’ महान
समझ लो भारतवासियो जिहादिस्तान का अरमान
बहुत खतरनाक होता है सदा अधूरा ज्ञान
जिहादिस्तान की सरकार के दिल में
बसती है जिहाद की जान
बहुत मुश्किल है दुनिया को समझाना
इस हक़ीकत को रहा मैं मान।
किन्तु भारतवासियो!
बॉल-बल्ला नहीं कर सकता
हासिल वह मकाम
जब गोली और बन्दूक से
ले रहा जिहादिस्तान काम।
भेज दो दुनिया की बॉल-बल्ला बिरादरी को
भारत का यह सीधा-सच्चा पैगाम
जिहाद की भाषा में ही
लेंगे जिहादिस्तान से इंतकाम।
हाथ जोड़कर मत करो
शांति की फरियाद
मिटा डालो शांति के दुश्मन को
पुरखे देंगे तुमको दाद।
-जय भारत -जय जवान -जय किसान
The National News