
बागेश्वर (संवाददाता)। चार महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज जल संस्थान के संविदा श्रमिक दो दिन से आंदोलित हैं। अपनी मांग को लेकर उन्होंने जल संस्थान कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया जो विभाग के ईई को नागवार गुजर गया। उनका कहना है कि कर्मचारी को ठेकेदार भुगतान नहीं कर रहा है। ठेकेदार के खिलाफ प्रदर्शन उनके कार्यालय में करना ठीक नहीं है। इस बात को लेकर उनकी आंदोलित श्रमिक से नोकझोंक भी हो गई। इस दौरान उन्होंने पुलिस भी बुला ली। इससे श्रमिक और भड़क गए। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जल संस्थान के सभी संविदा श्रमिक जल संस्थान कार्यालय में पहुंच गए। यहां उन्होंने जोरदार नारेबाजी के साथ धरना शुरू कर दिया। जैसे ही श्रमिक नारेबाजी करने लगे। विभाग के मुखिया का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने आंदोलन कर्मचारी से अपने परिसर से बाहर जाकर नारेबाजी करने के निर्देश दे दिए। इससे आंदोलित कर्मचारी और भी अड़ गए। उनका कहना है कि वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें चार महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। वह काम विभाग का ही कर रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि जल संस्थान के ईई ने यह कहकर पुलिस बुला ली कि वे उनके कर्मचारी नहीं है। ठेकेदार के खिलाफ लड़ाई लडऩी है तो दूसरी जगह जाकर लड़ें। सूचना पर प्रभारी कोतवाल मदन लाल दल-बल के साथ पहुंच गए। उन्होंने आंदोलन कर्मचारियों से नियमों का हवाला देते हुए आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चलाने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस लौट आई। कर्मचारी नारेबाजी करते हुए जल संस्थान परिसर में ही डटे रहे। उन्होंने कहा जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे आंदोलन जारी रखेंगे। यहां शाखाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बिष्ट, नवीन चंद्र पांडे, पूरन चौबे, देवेंद्र धपोला, नंदन प्रसाद, पूरन सिंह, लाल सिंह, हेमंत कुमार आदि रहे। इधर, जल संस्थान के ईई एमके टम्टा ने बताया कि कर्मचारियों की लड़ाई ठेकेदार के खिलाफ है। इसके लिए उन्हें अन्यत्र प्रदर्शन करना चाहिए। शांति व्यवस्था के लिए पुलिस बुलाई गई है।