राम जी अयोध्या वापसी की आई बरसी
शुभ दीपावली की इन्तजार में आँखे तरसीं
पर हाय हर दीपावली में हम
रामराज्य से दूर होते जाते
रावण राज्य की खुशहाली की तमाम रस्में निभाते।
मासं मदिरा जुआ शोर-शराबा
बम-पटाखा बारूद दिल-दहला देने वाला धमाका
मरीज बूढ़ा बच्चा हिल कर रह जाता
मुँह में राम व्यवहार में रावण छा जाता
सच, दीपावली में जमकर रोना आता।
बमों-पटाखों को फोड़-फोड़कर
जिस नालायक का मन मुस्काता
उस अनाड़ी राम-विरोधी पर तरस आता
राम-राज्य की शांति दीपावली में खााक हो जाती
चारों तरफ बारूद की गंध फैल जाती
किसी को राम की मर्यादा की सुध नहीं आती
अरे! रावण के भक्तो
श्री राम चाहते शांति सुरक्षा खुशहाली
बस जलाओ मन से सिर्फ एक दिया-बाती
बम-पटाखों से करो तौबा साथी
मत बनो दीपावली में आंकवादी खुरापाती।