सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
बच्चों के प्यारे डी एम अंकल मुरुगेसन
आसमान में बादल छाएं
झमाझम बारिश का डर दिखलाएं
कड़क-कड़क कर बिजली के दाँत चमकाएं
घूम-घूम पानी बरसाएं
बे-मौसम के मेंढक टर्राएं
बच्चे बोलें एक सुर में डी एम अंकल मुरुगेसन
दे दो अंकल प्यारे अंकल दो चार वैकेशन।
शैतान बादलों से
प्यारे बच्चों की रक्षा करते डी एम मुरुगेसन
शहर में वाटर लौगिंग और ड्रेनेज का हालचाल जानते मुरुगेसन
हड़प्पा ओर मोहनजोदड़ो से मात खाने का है हाई टेंशन
डी एम साहेब बच्चों के प्यारे डी एम मुरुगेसन
कुछ करो महाराज भ्रष्टाचार को रिटायर करो दे दो पेंशन
मुसीबत से बच्चों को बचाने के लिये मिलती छुट्टी बिना ऐप्लीकेशन।
जब-जब आसमान में बादल घिर आएं
बच्चों के दिल दीवाने गाएं
मुरुगेसन मुरुगेसन डी एम अंकल मुरुगेसन
चलें दौर मस्ती के हाल बुरे बस्ती के
हो जाएं वैकेशन के सैसन
लम्बे-लम्बे कुछ सैसन
ग्रेट प्यारे अंकल डी एम मुरुगेसन
झट भगाते आप हमारी स्कूल की टेंशन
बहुत-बहुत प्यारे अंकल डी एम मुरुगेसन।
Mr. S A MurugesanDistrict Magistrate