देहरादून 26 मई 2017(सू0वि0) । प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ एवं सुव्यवस्थित करने के लिए शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय द्वारा उत्तखण्ड प्रदेश के सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों, जिला शिक्षा अधिकारियों, खण्ड शिक्षा अधिकारियों, उप खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ सचिवालय सभा कक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। इस अवसर पर शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गिरती गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उपस्थित अधिकारियों से सुझाव भी लिये गये।बैठक में उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मा शिक्षा मंत्री ने कहा कि शासकी विद्यालय में जो शिक्षा की गुणवत्ता जो घटती जा रही है, जिस कारण अभिभावक अपने बच्चों को शासकी विद्यालय में न पढाकर प्राईवेट विद्यालयों में पढाने के लिए मजबूर है यह एक चिन्तनीय एवं गम्भीर विषय है इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए एवं जिन कारणों से बच्चों की संख्या शासकी विद्यालयों में कम हो रही है उसके लिए सभी को निष्ठा एवं ईमानदारी से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जो जिम्मेदारी एवं दायित्व व अधिकार उन्हे दिये गये हैं उनका पालन वह ठीक ढंग से नही कर पा रहे हैं, जिस कारण से शासकी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आ रही है। उन्होने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि जो अधिकार एवं कर्तव्य उन्हे दिये गये हैं। उनका वह ईमानदारी एवं निष्ठा पूर्वक निर्वहन करें, इसमें काई समस्या एवं परेशानी आती है तो वह उनके साथ खड़े हैं। उन्होने स्पष्ट किया है कि जो अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक प्रकार से नही करेगा तथा कहीं से कोई शिकायत मिलने तथा उसकी पुष्टि होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी, जिसकी जिम्मेदारी सम्बन्धित अधिकारी की स्वंय की होगी। बैठक की समीक्षा करते हुए उन्होने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शासनादेश जारी कर दिया गया है जिसमें प्रावधान किया गया है कि यदि किसी प्राईवेट विद्यालयं द्वारा मनमाने ढंग से पुनः प्रवेश हेतु प्रवेश शुल्क/कॉशनमनी/अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है तो उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इसके लिए उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने-2 क्षेत्रों में औचक निरीक्षण करेगें एवं ऐसे विद्यालयों के विरूद्ध शासानदेश के अनुरूप आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायेगें। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जो कािर्मक/ शिक्षक सबद्ध किये गये हैं ऐसे कार्मिकों एवं शिक्षकों के अपने मूल स्थान पर त्वरित कार्यमुक्त करने के निर्देश दिये। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण हो रखें हैं उन्होने अपना नये तैनाती स्थल पर अपना पदभार ग्रहण नही किया है ऐसे कार्मिकों सूची दो दिन के भीतर तलब करने के निर्देश दिये। उन्होने सम्बन्धित शिक्षकों/कार्मिकों निर्देशा जारी किया जाये यदि ऐसे कर्मचारी सोमवार 29 मई तक अपना कार्यभार ग्रहण नही करते हैं तो ऐसे कर्मिकों के विरूद्ध अनुशानात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त किये गये शिक्षकों एवं कार्मिकों की जांच कराई जाये तथा जो शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त किये गये हैं उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिये। उन्होने कक्षा 1 से 12 तक के लिए एन.सी.ई. आर.टी की पाठ्य पुस्तकों के संचालन करने के भी निर्देश दिये। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि जो कार्मिक अस्वस्थ एवं किन्ही कारणों से ठीक तरह से कार्य न ही कर पा रहे हैं तो ऐसे कार्मिकों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिये।
बैठक में माननीय मंत्री द्वारा विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुदष्ढ करने के लिए बैठक में उपस्थित अधिकारियों जो सुझाव दिये गये हैं उन पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। बैठक में सुझाव दिया गया है कि स्कूलों का समय परिवर्तित किया जाये, जिसमें ग्रीष्मकाल में सुबह 7ः15 के स्थान पर 8 बजे से 1 बजे तक संचालित करने के निर्देश दिये तथा शरद ऋतु में 10 बजे से 4 बजे के स्थान पर सुबह 9ः30 बजे से सांय 3ः30 बजे तक संचालित करने के निर्देश दिये। शिक्षामंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिये हैं कि कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के छात्रों को सप्ताह में शनिवार के दिन बिना बस्ता के आने के निर्देश दिये तथा इस दिन सभी बच्चों को खेलकूद एवं अन्य प्रतियोगिता करवाई जाये। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि स्कूलों में सभी शिक्षक 1 जुलाई से ड्रेस कोड में आयेंगे इसके लिए उन्होने सभी अधिकारियों से डेªस कोड चिन्हित करने हेतु सुझाव देने के भी निर्देश दिये। उन्होने यह भी कहा कि प्रत्येक विद्यालयों में वार्षिक उत्सव का भी आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि हाईस्कूल एवं इन्टरमीडिएट का परीक्षाफल 30 मई को घोषित होने जा रहा है, इसमें प्रथम दस वें स्थान प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओं एवं उनके गुरूजनो एवं उनके अभिभावकों को उनकी ओर से एक भोज दिया जायेगा तथा उसमें उनको सम्मानित किया जायेगा। उन्होने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि विकासखण्ड स्तर पर तैनात ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार की जाये जो लम्बे समय से अपनी शिक्षा का आदान-प्रदान कर रहें है तथा उन्हे उचित सम्मान नही मिल रहा है उन्हे उनकी ओर से सम्मानित किया जायेगा। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि जो कई वर्षों से दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं ऐसे शिक्षकों को सुगम में लाने का प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर पूर्व सांसद नैनीताल बलराज पासी भी मौजूद थे उन्होने उपस्थित अधिकारियों से अपेक्षा की है कि जो दायित्व एवं जिम्मेदारी दी गयी है उसका निर्वहन बड़ी ईमानदारी से करने की जरूरत है, जो दायित्व उन्हे दिया गया है उनका निर्वहन निडरता पर्वक करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा यह आपका सौभाग्य है कि समाज को कुछ देने के लिए आपको सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर सचिव शिक्षा चन्द्रशेखर भट्ट ने निर्देश दिये हैं कि मा मंत्री द्वारा जो निर्देश जिम्मेदारी उन्हे दी गयी है उसका वह अनुपालन सुनिश्चित करेंगे तथा उनके दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर अपर सचिव शिक्षा धीरेन्द्र दलाल, महानिदेशक शिक्षा कैलाश शेखर तिवारी, निदेशक माध्यमिक आर.के कुंवर, निदेशक शौध एवं परीक्षण सीमा जौनसारी, अपर निदेशक वीरेन्द्र सिंह रावत, अपर राज्य परियोयजना निदेशक डॉ मुकुल सती सहित सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, उप खण्ड शिक्षा अधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।