
कोरोना साद और ज़ाकिर नायक मानते हैं हमको नालायक
क्या कोरोना-साद भारत के लिए
यों ही चुनौती बना रहेगा
ऐसा तो नहीं कि वह एक दिन कभी
जाकिर नायक की तरह कहीं परदेश जा छिपेगा
भारत की समूची सुरक्षा व्यवस्था को देकर चुनौती
अपराध उसने बेहद गम्भीर किया है
एक तरह से उसने भारत के अन्दर रहकर
भारत पर सीधा आक्रमण किया है
किन्तु क्या हमने उसके व्यापक देशघात को
समझने का अब तक प्रयास किया है
क्या किसी जिम्मेदार आदमी ने मामले की गम्भीरता को बयाँ किया है
अलबत्ता, हमने उसके अपराध को तरह-तरह से हल्का किया है
जिस कोरोना-साद ने पूरे देश में कोरोना बरपा दिया है
जिस कोरोना साद ने सीधे-सीधे देशद्रोह किया है
हमने उसे बस कुछ मामूली धाराओं में कलम-बद्ध किया है
समझ नहीं आता देश अपनी ताकत को क्यों नहीं पहचान रहा है
क्यों पूरा देश कोरोना-साद पर यों मेहरबान हुआ जा रहा है
कोई कोरोना-साद पर अपना मुँह तक नहीं खोल रहा है
कोई मजहबीकरण का घिनौना आरोप चस्पा कर रहा है
कोई महज गैर-इरादतन हत्या का आरोप मढ़ रहा है
किन्तु कोई भी उसे देशद्रोही घोषित नहीं कर रहा है
बल्कि उसने तो देश पर एक देश बनकर हमला किया है
उसने तो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को भी हिमाकत से अपनी गौण किया है
दुष्ट कोरोना की बदौलत इस महादुष्ट का पर्दाफाश हुआ है
किन्तु मेरे कुछ देशवासियों के मन में ऐसे देशद्रोही के लिए दुआ है
ऐ मेरे देश आखिर तुझको क्या हुआ है
कोई जाकिर नायक बनकर तो कोई कोरोना-साद बनकर
देश को तोड़ने की साजिशें रचता रहा है
किन्तु मेरा देश ऐसे गम्भीर खतरों को हँसी में उड़ाता रहा है
सावधान हो जाओ उनसे जो हिन्दू-मुसलमान मत करो कहते हैं
या तो ऐसे लोग देशप्रेमियों सुनो, अनाड़ी होते हैं
या फिर ये लोग देश-विरोधी शातिर-खिलाड़ी होते हैं
मजहब की शाखा पर बैठे ऐसे शातिर भी जिहादी ही होते हैं।
धन्यवाद। सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, देहरादून