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सीएम योगी ने बच्चों को भोजन परोस कर किया पोषण माह का शुभारंभ

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लखनऊ (नितेश सिंह)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने आवास पर बच्चों को सहजन की दाल, दलिया, लड्डू व खिचड़ी खिलाकर राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारम्भ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने किशोरियों को पौष्टिक आहार की पोटली दी। सीएम ने एक बच्ची के जन्मदिन पर केक भी काटा और बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन कराया। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार की थाली देकर गोद भराई की रस्म पूरी की। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यमंत्री गुलाब देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कल के भविष्य का आत्मसम्मन बढ़ाया है। प्रेरणा दी है। बच्चों को कर्तव्य निष्ठा से जोड़ा है। पूरा हिन्दुस्तन इनकी प्रतिभा से चमचमाएगा। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि यह विशेष मौका है। पिछले ढाई वर्षों में शिक्षा में बहुत परिवर्तन हुये हैं। शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारा गया है। यूपी बोर्ड को नकल का गढ़ कहते थे। हमने बोर्ड को नकलविहीन किया है। उन्होंने कहा कि नकल के चलते मेधावियों के साथ अन्याय होता था। हमने मेधावियों का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि हाईस्कूल व इंटर में 75 फीसदी से ऊपर अंक व आईसीएसई में 80 फीसदी वाले बच्चे अपना एनरोलमेंट एचसीएल में कराए तो 10 हजार रुपये और अंत में 21.20 लाख रुपये के पैकेज की नौकरी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐसा मौका है जब अलग-अलग बोर्ड के बच्चे एक साथ हैं। ये शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रयास है। ढाई साल पहले ऐसा नहीं था। 2018 में सरकार ने साइंस, इंग्लिश, गणित के शिक्षक तैनात किए थे। हर स्कूल को शिक्षक दिए गए। फिर हमने परीक्षा को नकलविहीन किया। उन्होंने कहा कि पहली बार यूपी में 5 लाख बच्चों ने परीक्षा छोड़ी। ऐसा नकल पर सख्ती के कारण हो सका। ये अन्य राज्यों के थे। इन लोगों ने अपना नामांकन नकल के अड्डों पर करवा रखा था। इनकी जगह मुन्ना भाई बैठते थे और ये अच्छे नम्बरों से पास होते थे। इसलिये सख्ती की। जब ये खबर पढ़ता हूं कि बच्चे स्कूल की सफाई कर रहे थे तो यह सोचकर दुख होता है कि स्कूल की सफाई क्यों नही कर सकते। हम लोग किया करते थे। बच्चे के साथ शिक्षक भी लगाए जाएं तो सराहनीय होगा। सीएम ने कहा, 2005 में गोरखपुर में महाविद्यालय बना। नियुक्तियां हुई। एक दिन वहां के प्रधानाचार्य ने कहा कि सफाईकर्मी को हटा दें। कहीं और लगा दें। पिछले 11 वर्षों से वहां के सब शिक्षक कर्मचारी सफाई/बागवानी खुद करते हैं। काम करने में कैसा संकोच। बच्चों को संस्कार देना पड़ेगा।

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