लखनऊ (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग) 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर ध्वजारोहण किया । इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि देश की स्वाधीनता के अमृत महोत्सव वर्ष का हम सबको साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है। 1947 में पराधीनता के खिलाफ एक लंबी लड़ाई के बाद देश स्वतंत्र हुआ था। देश की स्वाधीनता की क्या कीमत होती है, यह देश के अंदर अलग-अलग स्थानों पर बने शहीद स्मारक, स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े वह सभी स्मारक इस बात के गवाह हैं। उन्होंने कहा कि 1857 से आरंभ हुई देश की स्वाधीनता की उस सामूहिक लड़ाई में इस देश ने विदेशी हुकूमत को अपनी ताकत का अहसास कराया था। 1916 में स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा का उद्घोष करने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का यह उद्घोष देश की स्वाधीनता का एक मंत्र बन गया था। नेता जी सुभाषचंद्र बोस, वीर सावरकर, सरदार पटेल, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे स्वाधीनता संग्राम के वीर सेनानियों ने इस लड़ाई को नई ऊंचाइयां प्रदान की। मैं इस अवसर पर सभी अमर सेनानियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर कोरोना वॉरियर्स को भी याद किया और कहा कि इस मुश्किल समय में उन्होंने पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाई। इस दौरान उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में अपना कर्तव्य निभाना ही राष्ट्रधर्म है।
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