रायपुर (जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ गीत ’’आमा पान के पतरी, कलेरा पान के दोना’’ गीत गाकर समां बांधा। वाक्या एक निजी चैनल हिन्दी खबर में आयोजित महा संवाद कार्यक्रम का था। जब मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ी गीत गाने का आग्रह किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध लोक गायक दिलीप षडंगी को देखा और कहा जब इतने अच्छे कलाकार खुद मंच में हों, तो इससे अच्छी बात क्या होगी।
मुख्यमंत्री ने षडंगी को माइक देने के लिए कहा और उनके साथ खुद भी छत्तीसगढ़ी गीत के लाइनें गायी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में छत्तीसगढ़ मॉडल सफल है। हम आम लोगों को सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। हम वह काम कर रहे हैं, जिससे आम जनता के जेब में पैसा आये और उनकी आय बढ़े। हम लोगों के हाथ में काम दे रहे हैं। इन्हीं सब प्रयासों के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर न्यूनतम है। हम अपनी प्राचीन संस्कृति के संवर्धन और विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। हमने आकर्षक छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति बनाई। स्थानीय कलाकारों को काम मिला। अब यहां के मल्टीप्लेक्स और बड़े सिनेमाघरों में छत्तीसगढ़ी फिल्म दिखाई जा रही है और बड़ी संख्या में देखने भी आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गोधन न्याय योजना की शुरूआत की। छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने गोबर खरीदी की। अब गोमूत्र की भी खरीदी करने जा रहे हैं। इससे बड़ा फायदा यह हुआ कि किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि हुई है। साथ ही सड़क में घूमने वाले मवेशियों पर रोक लगी है। लोग पशुओं को अपने घरों में या गौठानों में बांध कर रखने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं। नक्सली घटनाओं में कमी आ रही है। हमने इसके लिए ‘विश्वास, विकास और सुरक्षा’ की नीति अपनायी।
आदिवासी समाज जल, जंगल जमीन से जुड़ा है। हमने आदिवासी समाज को विश्वास में लेकर काम करना शुरू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बनते ही हमने सबसे पहले लोहाण्डीगुड़ा के किसानों की जमीन वापसी की। सुरक्षाबलों से कहा कि – जहां कैम्प हैं, वहां आसपास के ग्रामीणों से मिले, उन्हें विश्वास में लेकर कार्य करें। जो कैम्प में सुरक्षाबलों के लिए चिकित्सक हैं, वे आसपास के गांव के निवासियों का इलाज करें। धीरे-धीरे वहां के लोगों का सम्पर्क बढ़ा और उनका विश्वास भी बढ़ा। हमारी सरकार द्वारा व्यक्तिगत और सामुदायिक वनाधिकार पट्टा का वितरण किया जा रहा है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक राशि में भी वृद्धि की है। 65 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी की जा रही है इससे आदिवासियों की आय में वृद्धि हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जब पूरे देश में लॉकडाउन के हालात थे, तब हमने गरीबों, श्रमिकों के कल्याण के लिए कार्य किया। उद्योगपतियों से बात कर श्रमिकों को काम दिलाया। छत्तीसगढ़ पहला राज्य था, जिसमें गरीबों को 3 महीने का मुफ्त राशन दिया और राज्य सरकार की योजनाओं से लोगों को रोजगार मिला और उनकी आय बढ़ी। इस अवधि में बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के निवासियों ने वाहनों की खरीदी की। छत्तीसगढ़ शासन की नवाचारी नीतियों को देश के अन्य राज्य भी अपना रहे हैं। नीति आयोग ने भी छत्तीसगढ़ में संचालित नवाचारी योजनाओं और कार्यक्रमों की तारीफ की है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल को टीवी चैनल के प्रधान संपादक श्री अतुल अग्रवाल ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
The National News
Sie befinden sich im Zentrum von Monte Carlo, wo sich die berühmtesten Paläste von Monaco befinden! Sie werden von dem Ambiente,
das von einem Speisewagen der Belle Époque inspiriert wurde, begeistert sein. Die wichtigsten befinden sich auf beiden Seiten des Europasaals.
Der Audioguide führt Sie durch die verschiedenen Säle, vom Atrium bis
zum Jean Médecin-Saal. Wir gingen gleich nach der Eröffnung
dorthin und es waren einige Gruppen anwesend.
Siehe die neuesten Informationen auf der offiziellen Website hier.
Seitdem hat das Casino de Monte-Carlo in seinen mit Gold verzierten Barockräumen ein breites
Spektrum der internationalen Elite empfangen. Im gleichen Zeitraum Sir Winston Churchill war
ein weiterer erfolgreicher Spieler im Casino de Monte-Carlo.
Im Jahr 1911 rasten die ersten Rennwagen durch das Casino von Monte-Carlo, während der Rallye Monte Carlo.
Auch Wladimir Lenin kam vorbei und schimpfte, dass die
Öffentlichkeit ihr Geld bei einem bloßen „Glücksspiel“ verspielte –
was, wenn man kein Bolschewist ist, furchtbar viel Spaß macht.
Prominente wie Liane de Pougy, Emilienne d’Alençon oder
La Belle Otero sah man Schulter an Schulter an einem Tisch
sitzen – alle drei sind auf dem Gemälde „Les Grâces Florentines“ von Gervais abgebildet, das noch
heute im Casino hängt. Ihr letzter Marsch führte sie zum Bahnhof, wo sie unter einem stummen Chor der Verachtung in einem Zweite-Klasse-Waggon abtransportiert und aus den opulenten Hallen verbannt
wurden, die ihr Schicksal besiegelt hatten.
References:
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