जल कर ख़ाक हो चुके जंगल की आत्मा ने कहा कुछ दिन पहले तक मैं हरा-भरा बाँका जवान थामेरा बूटा-बूटा पत्ती-पत्ती हर लता बेल जुटे थे वातावरण को ठंडक से भरने में छोटे-बड़े तमाम पशु-पक्षी कीड़े-मकोड़े अंडे बच्चे मेंढक बिच्छू साँप तितलियाँ सभी तो थे मगन हरा-भरा खुशहाल था मेरा …
Read More »गंगा जमुना की दर्द भरी दास्तान (पार्ट-2)
गंगा मइया बहती जाए बद से बदतर होती जाए पाप हमारे धोती जाए ज़हरीले औद्योगिक रसायन सीवर नाले-खाले नीलकंठ बनी सब पीती जाए मोटा पैसा जब-तब मइया के उद्धार को आए हर-हर गंगे कहकर बंदरबाँट में खप जाए गंगा मइया के जिम्मेदार बेटे-बेटियाँ बेहया हाए बीमार गंगा मइया को इलाज …
Read More »गंगा-यमुना की दर्द भरी दास्तान
गंगा बोली यमुना बोली दो शरीर एक जान हैं हम उत्तराखंड-हिमालय की कोख से निकलकर उत्तर भारत की माटी में जान डालकर जन-जन को खुशहाल बनाकर सबके दुख-दरिद्रता दूर कर इलाहाबाद में गले मिल पाती हैं हम।गंगा बोली यमनुा बोली लाखों-करोड़ों बच्चों की माँ हैं हम लाड़ प्यार दुलार में …
Read More »प्रधानमंत्री मोदी के मन की यह बात
प्रधानमंत्री मोदी के मन से निकली बात जन-जन के मन तक जाएगी बात गली-गाँव और नगर-शहर में हवा बनकर फैलेगी बात घर-घर के दरवाजों पर जाकर थपकी देगी यह बात मन-मन में सुगंध बनकर उमड़ेगी-घुमड़ेगी यह बात सावन की रिमझिम बनकर मन को ठंडक देगी यह बात भला देश का …
Read More »चार पैरों वाला शहीद पुलिस अफसर शक्तिमान
चार पैरों वाला छैन-छबीला बाँका जवान था शक्तिमान फुर्तीला गठीला रौबीला गर्वीला था बेजुबान ड्यूटी पर हमेशा मुस्तैद रहता था जैसे हो अच्छा इन्सान पुलिस फोर्स की बना रहा वह अन्तिम दम तक शान एक दिन आया मौत का सौदागर दबे पाँव किसी को नहीं लगी खबर कानों-कान निभाते हुए फ़र्ज गँवाई …
Read More »