नई दिल्ली । पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती की संभावना को सीधे-सीधे खारिज कर दिया है। एक्साइज ड्यूटी में कटौती किए जाने की मांग को खारिज करते हुए उल्टे जेटली ने देश के लोगों से ”इमानदारी” से टैक्स का भुगतान किए जाने की अपील की। वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती का नतीजा उल्टा ही होगा। नौकरीपेशा लोगों से उनके हिस्से का टैक्स भरने की अपील करते हुए जेटली ने कहा कि ”अन्य तबके के लोगों” को टैक्स भुगतान का रिकॉर्ड सुधारना होगा, जो भारत को एक ”कर का भुगतान करने वाले ”समाज” बनने के राह में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है। जेटली ने कहा, राजनीतिक नेताओं और राय निर्माताओं से मेरी अपील यह होगी कि गैर तेल कर श्रेणी में कर की चोरी निश्चित तौर पर रुकनी चाहिए। अगर लोग अपने टैक्स का भुगतान इमानदारी से करते हैं तो तेल उत्पादों पर लगने वाले टैक्स पर बनी निर्भरता में कमी आ जाएगी। मध्यम और लंबी अवधि में राजकोषीय गणित से छेड़छाड़ करने का नतीजा उल्टा साबित हो सकता है। अपनी फेसबुक पोस्ट ‘द इकोनॉमी एंड द मार्केट रिवार्ड स्ट्रक्चरल रिफॉर्म एंड फिस्कल प्रूडेंस’ में जेटली ने कहा कि बीते चार सालों में केंद्र सरकार का टैक्स-जीडीपी अनुपात 10 फीसद से सुधरकर 11.5 फीसद पर आ गया है। इसमें से करीब आधा, जीडीपी का 0.72 फीसद नॉन ऑयल टैक्स जीडीपी अनुपात में इजाफे के लिए जिम्मेदार होता है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान जीडीपी पर नॉन ऑयल टैक्स का स्तर 9.8 फीसद रहा था जो कि साल 2007-08 के बाद का उच्चतम स्तर रहा है।
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