Breaking News
webnor 74664

अखिल भारतीय साहित्य परिषद उत्तराखंड की लोकभाषा व लोकयात्रा के विषय मे हुई ऑनलाइन संगोष्ठी

webnor 74664

देहरादून/ऋषिकेश (दीपक राणा) । आज अखिल भारतीय साहित्य परिषद उत्तराखंड के तत्वावधान में लोकभाषा लोकयात्रा पर एक संगोष्ठी दिनांक 29 सितम्बर , मंगलवार को सायं काल 5 बजे गूगल मीट एप्पलीकेशन पर आहूत की गई! ऑनलाइन संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ अतुल शर्मा जनकवि, विशिष्ट अतिथि श्रीमती अरुणा वशिष्ट एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील पाठक जी व प्रांतीय महामंत्री शिव प्रसाद बहुगुणा जी (कार्यक्रम संयोजक) की अध्यक्षता में ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया! ऑनलाइन संगोष्ठी का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना श्रीमती प्राची पाठक जी द्वारा करके किया गया! कार्यक्रम में वक्ता डॉ राजे नेगी(नेत्र चिकित्सक) ने बताया कि इस विचार गोष्ठी होती रहनी चाहिए जिससे कि आज के युवाओं को उत्तराखण्ड के लोक भाषा ,लोकयात्रा व लोक पर्व,व लोक देवता के बारे में रुचि उत्पन्न की जा सके व जिसके लिये वह भी अपने ऋषिकेश में पहला उड़ान लोकभाषा ,लोकसंस्कृति पर आधारित निशुल्क स्कूल ऋषिकेश में चला रहे हैं, लोकभाषा संरक्षक के रूप में भी करने का महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे है, एवं उन्होंने कहा कि बैठक में वक्ता के रूप में बोलने का अवसर प्राप्त होना यह मेरे लिये गौरव का विषय है ! कार्यक्रम में वक्ता नरेन्द्र खुराना(अखिल सहित्य परिषद प्रदेश मीडिया प्रभारी) ने कहा कि भाषा विज्ञान ना केवल भाषाओं का अध्ययन में ही उपयोगी है, बल्कि साहित्य के अध्ययन में भी अत्यंत उपयोगी होता है। क्योंकि साहित्य में प्रयुक्त विभिन्न भाषाओं का निर्माण एवं संरक्षण का संपूर्ण ज्ञान भाषा विज्ञान के द्वारा ही प्राप्त होता है। .. तथा भाषा विज्ञान से ही यह ज्ञात होता है।ओर लोक यात्राओ में उत्तराखंड के चार धाम,पंच केदार ,पंच प्रयाग की भी अपनी हमारे देश मे महत्वपूर्ण भूमिका है! कार्यक्रम में वक्ता डॉ धीरेन्द्र रांगड़ एवं नरेन्द्र रयाल जनकवि ने भी संयुक्त रूप से अपने लोकभाषा व लोकयात्राओ पर अपने विचार व्यक्त किये! अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रदेश अध्य्क्ष सुनील पाठक ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जहां इस समय युवा पीढ़ी अंतरराष्ट्रीय भाषाओं को सीखनेे में अपनी रुचि दिखा रही है, जिससे कि स्थानीय भाषा अपने ही क्षेत्र में पिछड़ रही है। ऐसे मेंं अभी भी कुछ लोग उत्तराखंड की लोक भाषाओं व यात्राओ के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार कर रहे हैं।जिसमे अखिल भारतीय साहित्य परिषद कार्यकारिणी व समाजसेवी युवा एक नए आयाम की ओर ले जा रहे है ,वह सभी बधाई के पात्र है ! कार्यक्रम में शिव प्रसाद बहुगुणा(कार्यक्रम संयोजक) ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए सभी हिंदी साहित्यकारों व युवा पीढ़ी का आभार प्रकट किया व सभी को शुभकामनाएं दी! विचार गोष्टी में कार्यक्रम का संचालन कर रही किरण पन्त वर्तिका के संचालन में शंभू प्रसाद भट्ट स्नेहिल, डॉ दिवा भट्ट, कौस्तुभ आनंद चंदोला, अंजली शर्मा, त्रिलोक सिंह परमार, विवेक डोभाल व हिंदी साहित्यकार आदि उपस्थित रहे!

laptop

Check Also

2025 yılında Alev Casino güncel giriş ne kadar güvenilir?

2025 yılında Alev Casino güncel giriş ne kadar güvenilir?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *