सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
ये है द्रोणनगर की नाक
राष्ट्रीय राजमार्ग अजपुर बाईपास
बदरी-केदार प्रदेश के दो खासमखास नगरों
द्रोणनगर और हरिद्वार को जोड़ने वाली शान
प्रदेश के यातायात के सीने की जान
जहां अच्छे-अच्छों के छूट जाते हैं पसीने
बड़े-बड़े शूरमा वाहन चालक इस मन्जर पर आकर
टेक देते हैं घुटने होकर लाचार।
गवर्नर, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, सचिव समुदाय से लेकर
सांसदों, विधायकों, धर्मगुरुओं के मस्त काफिले गुजरते हैं
आए दिन यहॉ से मगर
किसी को नहीं आता यह नजर
किसी दिन यहॉ भी उठेगा अमृतसर वाला बवन्डर
बिना किसी ट्रेन के होगा हादसा यहॉ पर
बिना हादसे के ही हादसा बन गई है यह डगर
गाड़ियों, सवारों, सवारियों का होता है यहॉ दंगल
यहॉ का कानून चलाता है जंगल।
राष्ट्रीय राजमार्ग वालोें की यह जिम्मेदारी
या अन्य सड़क निर्माताओं की है यह ठेकेदारी
अरे ! सरकार के तमाम सोतुडू विभागो
नालायकी की नींद से जागो
अपने फर्ज से इतना मत भागो
यह चौराहा बन गया फॉस गले का
द्रोणनगर का प्रमुख रहता है पास में
किन्तु चौराहे के इस जहन्नुम पर रहता है चमत्कार की आस में
राज्य में उद्योग लगाने पर विचार कर रहे इन्वेस्टर्स के लिए यह ज़ालिम चौराहा
कितना बड़ा मोटीवेटर होगा साबित वाह!
यह तो सोचो राज्य के खुदगर्ज कर्णधारो
खुद को आलस्य की खन्दक से बाहर निकालो
किसी बड़ी भयानक अनहोनी को टालो
लोगों को रोज-रोज की जिल्लत से बचालो।