रांची (का0सं0)। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत को विश्व में सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की गयी थी और वह उसी दिशा में तेजी से काम कर रही है। वहीं, कांग्रेस आजादी के बाद से ही परिवारवाद में उलझ कर रह गयी है तथा वहां योग्यता का कोई स्थान नहीं है। झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दीन दयाल उपाध्याय शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित प्रबुद्ध जनसम्मेलन में अपने संबोधन में यह बात कही। शाह ने कहा कि देश के संविधान निर्माताओं ने तत्कालीन परिस्थितियों के अनुकूल भारत के लिए संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था को अपनाया जिसमें जितना महत्व सत्ताधारी पार्टी का होता है उतना ही महत्व विपक्षी दलों का होता है। इस व्यवस्था में दीन दयाल उपाध्याय जी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी केनेतृत्व में भारतीय जनसंघ की स्थापना की जो आज भाजपा के रूप में ‘दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दलÓ बन गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थापना सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं की गयी थी बल्कि इसकी स्थापना देश की नीतियों को भारत के अनुकूल बनाने के लिए की गयी थी। उन्होंने कहा, भारत माता को विश्व में सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए भाजपा की स्थापना की गयी। पार्टी का उद्देश्य ही देश की राजनीति को निर्मल रखना और हमारी राजनीति की आत्मा को भारतीय रखना है। शाह ने कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों पर अपनी पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र खत्म कर देने का आरोप लगाते हुए कहा, देश में भाजपा के अलावासिर्फ साम्यवादी दलों में आंतरिक लोकतंत्र है अन्यथा कांग्रेस समेत अधिकतर अन्य राजनीतिक दलों में किसी न किसी रूप में परिवारवाद हावी है। उन्होंने कहा, यह सिर्फ भाजपा में ही संभव है कि मेरे जैसा व्यक्ति बूथ अध्यक्ष से आगे बढ़ते हुए आज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सका है। क्या कांग्रेस में किसी को भी अंदेशा है कि सोनिया गांधी जी के बाद पार्टी अध्यक्ष कौन होगा? शाह ने आरोप लगाया, कांग्रेस पार्टी का अपना कोई स्वतंत्र राजनीतिक विचार ही नहीं है। उसकी स्थापना एक अंग्रेज ने की। फिर उसमें स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल होने के लिए साम्यवादी, धुर राष्ट्रवादी एवं समाजवादी आदि विभिन्न विचारधारा के लोग शामिल होते चले गये। यहां तक कि मोहम्मद अली जिन्ना भी इसमें शामिल थे। उन्होंने कहा, आजादी की लड़ाई में योगदान के चलते देश की जनता का उस पार्टी से अलग तरह का जुड़ाव हो गया था और इसी कारण महात्मा गांधी ने कहा था कि आजादी के बाद इस पार्टी को खत्म कर दिया जाये। लेकिन पंडित नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने आजाद भारत में नयी सरकार का गठन किया और तब से ही कांग्रेस पार्टी परिवारवाद की राजनीति में उलझ कर रह गयी। शाह ने कहा, कांग्रेस में परिवारवाद के चलते वहां योग्यता को आगे नहीं बढ़ाया जाता है। वहां कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए अथवा देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए योग्यता किसी परिवार में पैदा होना है। जबकि यह भाजपा में ही संभव है कि यहां एक चाय बेचने वाले गरीब का बेटा भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।
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