(1)
दानवराज कम्यूनिस्ट जिनपिंग
कुछ भी कहो कहते रहो
पूर्वाग्रहों-दुराग्रहों के जाले बुनते रहो
चाहो तो कोरोना पर बातों की मीनारें खड़ी करते रहो
कोरोना को कारण बनाकर पेश करते रहो
पर सच कहो और सच यह मुझसे सुनो
पूरब और पश्चिम का मिलन हुआ यह सच कहो
ट्रम्प और मोदी का जलवा है, यह प्रभो।
छेड़ोगे तो छोडे़ंगे नहीं किसका है ऐलान
घर में घुसकर मारेंगे किसका है रुझान
सुदर्शन चक्र भी चला देंगे किसका है फरमान
चाइनीज-वायरस कह-कह कर कौन है परेशान
तिब्बत और ताईवान पर कौन है हैरान
किसने कहा हाँगकाँग पर चीन है बेईमान
चीन की मनमानी समुद्रों में साबित कर रही इसे हैवान
भारत के सैनिकों की बहादुरी के लिए याद रहेगा गलबान
ट्रम्प और मोदी ने मिलकर काट दिया चालान
कुछ घंटों बाद ही जब हुआ था गलबान
मोदी ने पहल की है सुन लो मेहरबान
ट्रम्प ने इस पहल को लपक लिया, रे पहलवान।
सूनामी जो आने को है बे-करार
ट्रम्प और मोदी का है ये बेजोड़ करार
ड्रैगनिस्तान में पड़ेंगी गहरी-गहरी दरार
लाल तानाशाह का किला ध्वस्त होकर रहेगा इस बार
फ्रांस के राजा लुइस सोलहवें को करो याद, इक बार
सड़कों पर उतरेगी चीन की जनता, है जो लोकतंत्र की हकदार
ऐसा प्रचंड होगा इस शैतान हुक्मरान के ऊपर वार
ईश्वर को यह मानता नहीं वर्ना करते, खबरदार
तीसरे विश्व युद्ध जैसा होगा नजारा-मारामार
लेकिन भारत की वजह से होगा चमत्कार
विश्वयुद्ध नहीं ले सकेगा आकार
ड्रैगनिस्तान में किन्तु मचेगा हाहाकार
बीच में कूदा जिहादिस्तान तो पड़ेगी इसको कमर तोड़ मार।
भारत है रिस्क लेने को तैयार
त्रेता-युग में रावण था समुद्र के पार
कोरोना-युग का रावण है हिमालय के पार
जाना पड़ेगा लंका में फिर एक बार
तभी होगा रावण का अन्तिम संस्कार
अपना अकसाई लेकर रहेंगे दिलदार
पूरा कश्मीर भी पा लेंगे बड़खुरदार
मोदी है तो मुमकिन है आएगी बहार
हिम्मत दिखाएंगे तो होगा बेड़ा पार
धारा तीन सौ सत्तर हटाकर मोदी ने किया काम खासा-असरदार
सरदार पटेल की माटी से उपजा है ये सरदार
गुजरात की माटी तुझको नमन है बार-बार
माँ भारती तुझ पर हम बलिदान होंगे हजार बार
माँ भारती तेरा रुतबा अधूरा रह जाए ना इस बार
गलबानी वीरों की लपलपाएगी तलवार
देखेगी दुनिया चमचमाती धार
भगवती भारती माँ को पहनाएंगे विजय का हार
धरती से हटा देंगे दानव कम्यूनिष्ट-तानाशाह का हम, भार।
(2)
ऐ रे गलबानी सरदार
ऐ रे गलबानी सरदार
हम सब तेरे कर्ज़दार
पलटाई तूने दुश्मन की दीवार
आधी रात का छाया हुआ था जब घुप्प अंधकार
घात लगाए छिपा बैठा था दुश्मन बदकार
तेरी शूरवीर पलटन ने किया निहत्थे ऐसा पलटवार
मच गया चीनी सेना में जबर्दस्त हाहाकार
संख्या बल में चार गुना थे वे पर
तीन गुने दुश्मन को मार गिराया किया ज़ार-जार
बीस ने वीरगति को गले लगाकर
दुनिया को दिखाई भारतीय सेना के बाहुबल की धार
बर्फीली गलबान नदी का बर्फीला पानी खौल उठा था
ऐसा था कर्नल बाबू के फौजियों के आक्रोश का ज्वार
नमन-नमन रे बलिदानी गलबानी सरदार
सदियों-सदियों याद रहेगा शौर्य का तेरा, ऐसा चमत्कार
याद रखेगा लाल-तानाशाह पन्द्रह-सोलह जून की रात वाली करारी-हार
सोलह बिहार रेजीमेंट तेरी शूरवीरता को देगा भारत पुरस्कार
गलबान से अन्डमान तक दुश्मनों को मजा चखाएंगे हम होकर खूंखार।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।
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