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संसद के दोनों सदनों में गूंजा दिल्ली हिंसा का मुद्दा

-गृहमंत्री के इस्तीफे और चर्चा कराने की मांग पर विपक्ष का हंगामा

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नई दिल्ली । संसद के दोनों सदनों में सोमवार को दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई और कई बार के स्थगन के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखवाना शुरू किया तो कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर पर नोटिस देकर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इससे पहले नायडू ने विभिन्न दलों के सदस्यों की ओर से दिल्ली और देश के अन्य इलाकों में कानून व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा कराने की मांग कराने संबंधी नोटिस मिले नोटिसों की जानकारी दी ओर कहा कि यद्यपि यह विषय मत्वपूर्ण है इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन दिल्ली में अब सामान्य हालात बहाल हो गए हैं। नायडू ने कहा कि वह इस विषय पर नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष और संबद्ध मंत्रियों से विचार विमर्श करने के बाद ही चर्चा का समय तय करेंगे। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर इसका विरोध करते हुए तत्काल चर्चा कराने की मांग की। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की शांता क्षेत्री सहित पार्टी के तीन सदस्य आंख पर काली पट्टी बांध कर अपने स्थान पर खड़े हो गए। नायडू ने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन की सदन में अनुमति नहीं दी जा सकती। सदन में चर्चा कराने की मांग करते हुये आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कांग्रेस के कुछ सदस्यों को आसन के करीब आते देख नायडू ने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया।
हंगामे में ही पेश हुआ विधेयक
राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जब बैठक फिर शुरू हुई तो उप सभापति हरिवंश ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक को चर्चा एवं पारित कराने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का नाम पुकारा। इसी बीच आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के कई सदस्य नारेबाकरते हुए आसन के समक्ष आ गये। विधेयक को चर्चा के लिए पेश करने के बाद निशंक ने इसके बारे में सदन को जानकारी देना शुरू किया। हंगामे के बीच मानव संसाधन विकास मंत्री ने जब अपनी बात को जारी रखा तो कांग्रेस नेता जयराम रमेश को सत्ता पक्ष के कई सदस्यों से बात करते हुए देखा गया। रमेश को सदन के नेता थावरचंद गहलोत, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बात करते हुए निशंक की ओर इशारा करते हुए देखा गया। इस बीच, सत्ता पक्ष की सबसे अग्रिम पंक्ति में जहां निशंक अपनी बात रख रहे थे, उनके सामने विपक्ष के कई सदस्यों ने आकर नारेबाशुरू कर दी। हालांकि इसके बावजूद निशंक ने अपनी बात को जारी रखा।इसके बाद गहलोत एवं अन्य केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा किये गये संकेत का पालन करते हुए निशंक अपने कागजात लेकर पहली पंक्ति से तीसरी पंक्ति में आ गये और उन्होंने वहां से अपनी बात पूरी की। इस प्रकार निशंक विधेयक पर हंगामे के बीच करीब 15 मिनट तक लगातार बोलते रहे।उनके बाद भाजपा के सत्यनारायण जटिया हंगामे के बीच ही बोले और फिर उपसभापति ने दोपहर करीब ढाई बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
राज्यसभा के पूर्व सदस्य एवी स्वामी को श्रद्धांजलि
राज्यसभा में पूर्व सदस्य एवी स्वामी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन को स्वामी के पिछले वर्ष 31 दिसंबर को हुए निधन की जानकारी देते हुए दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि दी। नायडू ने बताया कि 91 वर्षीय स्वामी का ओडिशा में नौपाड़ा जिले में निधन हो गया था। सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्वामी ने राज्यसभा में निर्दलीय सदस्य के रूप में अप्रैल 2012 से अप्रैल 2018 तक ओडिशा का प्रतिनिधित्व किया था। नायडू ने उच्च सदन के सदस्य रहते हुए स्वामी के योगदान को सराहनीय बताते हुए कहा कि उनके निधन से देश ने महान स्वातंत्रता सेनानी और अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता खो दिया है। इसके बाद सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर नायडू के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा।
लोकसभा में कांग्रेस व भाजपा सांसदों में धक्का-मुक्की
लोकसभा में भी सोमवार को विपक्ष के सदस्यों ने दिल्ली हुई हिंसा के कारण गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफा की मांग करते हुए सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भारी हंगामा किया और इस दौरान कांग्रेस एवं भाजपा सदस्यों के बीच धक्का मुक्की भी हुई। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न चार बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर पिछले दिनों बिहार के वाल्मीकि नगर से जदयू सदस्य वैद्यनाथ प्रसाद महतो के निधन के कारण उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद उनके सम्मान में बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही दो बजे शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आवश्यक कागजात सभा पटल पर रखवाये एवं कुछ विधेयक भी पेश किये गए। इस दौरान कांग्रेस एवं द्रमुक सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। कांग्रेस सदस्यों के हाथों में पोस्टर थे जिन पर ‘गृह मंत्री इस्तीफा दोÓ, ‘सेव इंडियाÓ, अमित शाह इस्तीफा दोÓ के नारे लिखे थे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान से ही नारेबाकर रहे थे। हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक पर चर्चा शुरू करवाने का निर्देश दिया। भाजपा के संजय जायसवाल जब चर्चा में हिस्सा ले रहे थे तभी कांग्रेस के गौरव गोगोई, रवनीत सिंह बिट्टू ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो Ó लिखा बैनर लेकर सत्तापक्ष की सीटों के पास आ गए। फिर विपक्ष के सदस्य जायसवाल के सामने बैनर लेकर आ गए जो उस समय विधेयक के बारे में बोल रहे थे । जायसवाल को इस तरह से बाधित किये जाने का भाजपा सदस्यों ने विरोध किया और कांग्रेस सदस्यों से वहां से जाने को कहा। किंतु जब विपक्ष के सदस्य वहां से नहीं हटे तो सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य उनको वहां से हटाने की मांग करते हुए उनके पास गये। इसके बाद कांग्रेस एवं भाजपा सदस्यों में धक्का मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी को आपस में उलझे विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच बचाव करते देखा गया। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की बैठक अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई । तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। हंगामा थमता नहीं देख पीठासीन सभापति रमा देवी ने सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिये स्थगित कर दी और उसके बाद पूरे दिन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना
संसद परिसर में सोमवार का महात्मा गांधी की प्रतिमा के समझ कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली हिंसा को लेकर संसद के भीतर और बाहर सरकार को घेरने के लिए बनी नीतियों के तहत धरना स्थल पर राहुल गांधी समेत मौजूद कांग्रेस सांसदों ने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग वाले बैनर और तख्तियां ले रखी थीं। इस विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम समेत कई अन्य सांसद मौजूद रहे। वहीं गांधी की प्रतिमा के सामने तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने दिल्ली हिंसा के मुद्दे को लेकर धरना दिया। तृणमूल सदस्य नें हाथों में पोस्टर लेकर नारेबाकी। ज्यादातर टीएमसी सांसदों ने अपनी आंखों पर काली पट्टी भी बांध रखी थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा के मुद्दे को संसद में जोरदार तरीके से उठाएंगे। वे सरकार से इस मामले पर जवाब देने की मांग कर रहे थे।
जेडीयू सांसद को दी गई श्रद्धांजलि
जेडीयू के दिवंगत सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो को श्रद्धांजलि देने के बाद निचले सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की बैठक शुरू होते ही अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन को बिहार के बाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद महतो के निधन की जानकारी दी। सदन ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि दी। महतो का निधन 28 फरवरी को 72 वर्ष की आयु में नई दिल्ली में हो गया। दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि देने के बाद अध्यक्ष बिड़ला ने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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