हरिद्वार (संवाददाता)। भारत बंद का असर सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में देखने को मिला है। प्रदेश के लगभग छह हजार से अधिक व्यवसायिक वाहनों के पहिये जाम रहे। बंद के कारण बुधवार को ट्रांसपोर्टरों ने कंपनियों से गाडिय़ा तो लोड की लेकिन उन्हें पार्किंग अथवा खाली स्थान पर खड़ा कर दिया। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने अपने कार्यकाल भी बंद रखे। जो गाडिय़ा मंगलवार सुबह लोड होने के बाद बाहर भेजी गई है। उन्हें भीड़ में घुसने से पहले एतिहात बरतने को कहा गया है।बहुजन क्रांति मोर्चा एवं कई संगठनों के आह्वान पर बुधवार को सीएए एवं एनआरसी के विरोध में भारत बंद का ऐलान किया गया था। ट्रांसपोर्टरों ने भारत बंद का पूरा समर्थन किया और सिडकुल से बहादराबाद व सलेमपुर तक सैकड़ों ट्रांसपोर्टरों ने अपने कार्यकाल बंद रखे। सलेमपुर में स्थानीय लोगों ने रैलियां निकाल कर प्रतिष्ठान बंद करा दिए। हालांकि कुछ देर बाद ही बाजार खुल गए थे। अब बुधवार रात या गुरुवार सुबह ही ट्रांसपोर्टर अपने वाहनों को बाहरी राज्यों के लिए निकालेंगे। ऑल ओवर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर राव अखलाक ने कहा कि बहुजन क्रांति मोर्चा के आवाहन पर भारत बंद को सफल बनाने के लिए प्रदेश के लगभग छह हजार से अधिक वाहनों का बाहरी राज्यों में आवागमन बंद रखा। उन्होंने कहा कि पिछले माह से नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ कई संगठन विरोध कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की बजाए युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएं एवं शिक्षकों का रजिस्टर तैयार करें। उन्होंने कहा कि युवाओं को आज रोजगार की जरूरत है। जिनके पास रोजगार थे उनके रोजगार भी लगभग खत्म हो चुके हैं। इसी कारण वह भी उस विरोध में शामिल है। ऑल ओवर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मुस्तफा ने कहा कि सीएए और एनआरसी व एनआरपी से आज देश का आर्थिक दीवालिया निकलने की राह पर है। नोटबंदी एवं जीएसटी के साथ-साथ देश में अविश्वास का माहौल बना हुआ है। यही कारण है कि सभी ट्रांसपोर्टरों ने अपने वाहनों और ऑफिस को विरोध में बंद रखा। उधर एकम्स ड्रग एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड कंपनी के मानव संसाधन विभाग महाप्रबंधक केडी शर्मा ने कहा कि ट्रांसपोर्टेशन का एक दिन की हड़ताल का बड़ी कंपनियों में इतना प्रभाव नहीं पड़ता है। कंपनी की अपनी गाडिय़ों में माल निरंतर आवागमन हो रहा है। हड़ताल लंबी चलती है तो उसमें फर्क पड़ता है। जबकि सिडकुल एंटरप्रेनर एसोसिएसन के अध्यक्ष हिमेश कपूर का कहना है कि एक दिन की हड़ताल के कारण माल लदे ट्रक बुधवार देर रात को निकल जायेंगे। बाहरी राज्यों में माल लदे ट्रक जहां तहां खड़े रहे। वे अब रात के समय ही अपने अपने स्थानों के लिए निकलेंगे।
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