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मानसून को देखते हुए प्रशासन ने लगायी राफ्टिंग पर रोक

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ऋषिकेष (संवाददाता)। गंगा की लहरों में रोमांच का खेल रविवार शाम पांच बजे के बाद थम गया। अगले तीन माह तक साहसिक खेलों के शौकीन राफ्टिंग का लुत्फ नहीं उठा पायेंगे। मानसून को देखते हुए प्रशासन ने राफ्टिंग पर रोक लगा दी गई है। इन सबके बीच अंतिम दिन पर्यटकों ने राफ्टिंग का जमकर लुफ्त उठाया। तीर्थनगरी के गंगा तटों पर दिन भर पर्यटकों की भीड़ रही। यूं तो तीर्थनगरी वर्षभर पर्यटकों से गुलजार रहती है, लेकिन गर्मियों में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की आमद ज्यादा रहती है। इसकी मुख्य वजह तीर्थनगरी में रिवर राफ्टिंग का होना है। तीर्थनगरी में शनिवार और रविवार वीकेंड पर रिवर राफ्टिंग के लिए गंगा तटों पर पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है। प्रशासन की ओर से रिवर राफ्टिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए समयावधि 30 जून निर्धारित की गई, इसके चलते अंतिम दिन तीर्थनगरी ऋषिकेश, मुनिकीरेती, शिवपुरी के गंगा तटों पर राफ्टिंग के लिए भारी भीड़ पहुंची और पर्यटकों ने जमकर राफ्टिंग का लुत्फ उठाया। ब्रह्मपुरी से लेकर मुनिकीरेती स्थित खारास्रोत तक गंगा में रंग-बिरंगी राफ्टें एक मनमोहक दृश्य के रूप में दिखायी दी। सुबह से लेकर शाम 5 बजे तक पर्यटक राफ्टिंग के लिए गंगा किनारे राफ्टिंग प्वाइंट पर खड़े नजर आए। इन दिनों ग्रीष्मकालीन छुट्टियां भी चल रही है, इससे बाहरी प्रांतों से राफ्टिंग करने के शौकीन तीर्थनगरी में पहुंचते रहे हैं। गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति अध्यक्ष दिनेश भट्ट ने बताया की बारिश के चलते गंगा का जलस्तर बढऩे से जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में राफ्टिंग पर प्रशासन ने रोक लगाई है। अब एक अक्तूबर से राफ्टिंग शुरू होगी। अंतिम दिन 1 हजार राफ्टें गंगा की लहरों में उतरी है। जिसका पर्यटकों ने खूब मजा लिया।

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