B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
गंगा यमुना सरस्वती के संगम पर उमड़ आया संसार
आत्मा और परमात्मा के
मिलन का यह काज है
अनोखा ये राज है
ये हमारा प्रयागराज है।
लोक लुभावन ये कैसा
अनोखा अंदाज है
माँ गंगा के तटों पर
उमड़ रहा सैलाब है
किस सम्मोहन में बँधा चल रहा
किस पर इसको नाज है
विश्व आत्मा का
इसको अहसास है
कुम्भ के दिव्य अनुष्ठान में
विश्व बन्धुत्व का सजा साज है
भारत की चिर-संचित सभ्यता का
यही तो मधुर राग है
इसी सनातन मौलिकता पर हमें अनुराग है
पूरे संसार को खींच लाया
ये अध्यात्म का सम्वाद है।
गढ़ दिया नया आयाम
त्रिवेणी का विश्व-धाम
शांति सुरक्षा सु-इंतजाम
मोदी-योगी युग का काम
चहल-पहल धूमधाम
रात दिन सुबह शाम
जय जवान जय किसान का पैगाम
देश के दुश्मनों का हो काम तमाम
भागते फिरें करें त्राहिमाम-त्राहिमाम
नमामि गंगे नमामि प्रयागराज और आयोजक शत-शत प्रणाम।
-जय भारत -जय कुम्भ -जय जवान -जय किसान
जीते जी
I appreciate you sharing this blog post. Thanks Again. Cool.