B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
देवी ममता की रियासत-सियासत में डुबकी लगाओ मोदी-योगी का प्रयागराज भूल जाओ
धीरज धरम मित्र और नारी
आपद काल परखि ये चारी
देवी ममता बन के बेचारी
इच्छा अपनी पर हैं बलिहारी
लोकतंत्र की बन के पुजारी
कमर तोड़ दी इसकी सारी
जीभ बनी इनकी तेज आरी
सपने की कर रहीं सवारी
मोदी की करो खत्म पारी
दीदी की देखो फिर चमत्कारी
न नर मैं न नारी
कैकेयी के हठ पर वारी
भ्रष्ट नेताओं की पलटन भारी
मोदी के भय की मारी
चुनावी सेना है ये हमारी
घुसपैठिये मुसलमान हैं रियाया हमारी
देश के हिन्दू बोझा भारी
झुकता था कभी अटल बिहारी
छप्पन इंची से मैं हारी
कोर्ट हो या सीबीआई तुम्हारी
दुर्गा पूजा हो या पुजारी
शाह हो या योगी मदारी
पश्चिम बंगाल है रियासत हमारी
मुझसे करोगे तुम जोरा-जोरी
चिट फंड लूट गया तिजोरी
थी लाखों लोगों की कमजोरी
जनता को कह दूँगी सॉरी
प्रधानमंत्री बनाओ मैं मोहम्मद गौरी
जिन्नाह की मैं लाड़ली छोरी
चुनाव में नहीं है देरी
बजा दी इसलिए मैंने रणभेरी
राम सियाराम जय जय राम
प्रभो सदाचार हो गया हराम।
-जय भारत
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