देहरादून (संवाददाता)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ के शुभारम्भ की घोषणा करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में खेलों के कोच को विशेष टेऊनिंग देने के लिए विदेश कोच की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। इस पहल से भविष्य में उत्तराखण्ड के उभरते हुए खिलाडिय़ों व बच्चों को विभिन्न खेलों की अच्छी कोचिंग मिलेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2020 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का अवसर मिला है। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना राज्य के लिए ऐतिहासिक अवसर है।
विश्वास है कि उत्तराखण्ड जो अपने आतिथ्य सत्कार के लिए जाना जाता है, राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी बहुत ही सुव्यवस्थित ढंग से आत्मीयता व सहृदयता के साथ करेगा। उन्होंने कहा कि खेल विभाग द्वारा राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ आयोजन द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि राज्य के अधिक से अधिक बच्चे इसमें प्रतिभाग करे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि खेल केवल खेल नहीं है बल्कि एक भावना भी है। जो हमकों एक होने का अहसास कराती है। एकता के सूत्र में पिरोने का काम करती है। खेल केवल खेल के लिए नहीं है बल्कि इससे कहीं न कही खिलाडिय़ों में देश के लिए प्रेम व कुछ कर गुजरने की भावना पैदा होती है। खेल भावना केवल खेल के लिए नहीं बल्कि सामाजिक व राष्ट्रीय जीवन भी परिलक्षित होती है। आज उभरते हुए खिलाड़ी अपने स्कूल, जिले, राज्य के लिए खेल रहे है। कामना है कि भविष्य में अपने देश के लिए खेलने का सौभाग्य खिलाडिय़ों को मिलेगा। राज्य के खेल विभाग के प्रयासों से उत्तराखण्ड को बीसीसीआई की मान्यता मिली। खेल विभाग के सक्रिय प्रयासों से ही अन्र्तराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेण्ट के आयोजन भी महाराणा प्रताप स्पोर्टस स्टेडियम में गत दो वर्षो से करावाए जा रहे हैं। महाराणा प्रताप स्पोर्टस स्टेडियम में ही ऐतिहासिक इन्वेस्टर्स समिट का भी आयोजन किया गया। राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का आयोजन बहुत अच्छी शुरूआत है। इस महाकुंभ में दूरस्थ क्षेत्र के खेल प्रतिभाएं आ रही है, उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह राज्य के दूरस्थ क्षेत्र के बच्चों के लिए बहुत अच्छा अवसर है जहां से वह बहुत आगे बढ़ सकते है। हमारे दो अन्र्तराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम देहरादून व नैनीताल में है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को महाराणा स्पोर्टस स्टेडियम में राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ को विधिवत शुभारम्भ किया।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड में खेलों को बढ़ावा देने के उददेश्य से राज्य में प्रथम बार चखेल महाकुम्भ 2017 में किया गया था। इन प्रतियोगिताओं को आयोजन विभिन्न आयुवर्गो एवं खेल विधाओं में न्याय पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक किया जाता है। इससे राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा वहीं दूरस्थ ग्रामीण अंचलों व नगरी क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को चुनने व उन्हें भविष्य हेतु चिन्हित एवं प्रशिक्षित किया जायेगा। खेल महाकुम्भ 2018 में अंडर-14, अंडर-17, अंडर-19 बालक बालिका तथा 19 से 25 आयु वर्ग में महिला तथा दिव्यांगजनों की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है। प्रथम चरण में राज्य की समस्त 670 न्याय पंचायतों, द्वितीय चरण में 95 विकासखण्डों एवं तृतीय चरण में समस्त 13 जनपदों में प्रतियोगिताएं आयोजित की चुकी है। जिनमें पिछलें वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रतिभाग करने वाले खिलाडिय़ों की संख्या अधिक रही है। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष विकासखण्ड, जनपद एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में विजेता खिलाडिय़ों हेतु पुरस्कार राशि दोगुनी की गयी है। इस वर्ष खेल महाकुम्भ में राज्य स्तर पर 13 खेल विधाओं में 3744 बालक एवं 3666 बालिकाएं कुल 7410 खिलाड़ी विभिन्न आयु वर्गो में प्रतिभाग करेंगे। शिक्षा व खेल मंत्री अरविन्द पाण्डेय, विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव डा0 भूपिन्दर कौर औलख, खेल शिक्षक-शिक्षकाएं, खिलाड़ी उपस्थित थे।
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