देहरादून (आरएनएस)। चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों के लिए कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, इसके बावजूद कार्यकर्ताओं को केवल चाय-नाश्ते में टरकाया जा रहा है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि प्रत्याशियों की ओर से व्यय लेखा टीम के पास जो ब्योरा उपलब्ध कराया जा रहा है, उससे इस बात की बानगी हो रही है। महापौर पद के लिए चुनावी दंगल में उतरा कोई भी महारथी ऐसा नहीं है, जिसने खर्चे में भोजन आदि का जिक्र किया हो। लेखा टीम ने इसके लिए सभी प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। निकाय चुनाव के लिए चुनाव प्रचार अंतिम दौर में पहुंच चुका है। सुबह से देर रात तक नेताजी के साथ ही उनके कार्यकर्ता गलियों से लेकर गांव की पगडंडियां नाप रहे हैं। कोई भी गली, मोहल्ला, रास्ते, सड़क पोस्टर सामग्री से वंचित न रह जाए, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। साथ ही चुनाव कार्यालयों के साथ ही प्रत्याशियों के घरों में सुबह से दावतों का दौर भी चल रहा है। कोई कार्यकर्ता नाराज न हो इसलिए उसके मुताबिक चाय-नाश्ते से लेकर खाने का इंतजाम हो रहा है, लेकिन निर्वाचन कार्यालय की नजर में नेताजी बिल्कुल अपना हाथ टाइट किए हुए हैं। प्रत्याशियों की ओर से लेखा टीम को प्रतिदिन चुनावी खर्चे का जो लेखा-जोखा दिया जा रहा है, उसके हिसाब से प्रत्याशी कार्यकर्ताओं को केवल चाय और नाश्ता ही करा रहे हैं। भोजन आदि का इंतजाम चुनाव में दिन-रात भाग दौड़ कर रहे कार्यकताओं को अपने आप ही करना पड़ रहा है। महापौर पद के लिए मैदान में उतरे 11 प्रत्याशियों में ऐसा कोई प्रत्याशी नहीं है, जिसने खाने का जिक्र अपने खर्चे में किया हो। निर्वाचन की लेखा टीम को भी प्रत्याशियों के चुनाव खर्च के ब्यौरे पर यकीन नहीं हो रहा है, इसलिए लेखा टीम ने सभी प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर चुनावी खर्चे में भोजन का जिक्र न करने पर जवाब मांगा है। भले ही शहर और ग्रामीण क्षेत्र का कोई भी ऐसा कोना, सड़क, गली न हो, जहां प्रत्याशियों के पोस्टर, बैनर, होर्डिंग आदि न पटे हों, लेकिन इस सब का व्यय दिखाने में भी प्रत्याशी कंजूसी दिखा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वाहनों की अनुमति, जनसभाओं की अनुमति न लेने पर भी सभी प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया गया है।
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