ऋषिकेश, 2 मई
डीएस सुरियाल
हरिपुर कला देहरादून में आज गोबर से निर्मित पर्यावरण-अनुकूल दीयों के उत्पादन पर आधारित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। यह कार्यक्रम स्पेक्स देहरादून एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट), देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि यूकोस्ट के देहरादून जिला समन्वयक एवं श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण एवं स्थानीय महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कुल 1263 इको-फ्रेंडली दीए तैयार किए गए, जो जैव-अपघटनीय (बायोडिग्रेडेबल) होने के साथ-साथ उपयोग के पश्चात खाद में परिवर्तित होकर पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छ भारत मिशन को भी बल प्रदान करते हैं।
स्पेक्स के अध्यक्ष डॉ. बृज मोहन शर्मा ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है, जिससे वे स्थानीय संसाधनों—विशेषतः गोबर का उपयोग कर पर्यावरण हितैषी दीयों का निर्माण कर सकें। इस पहल का उद्देश्य केवल पर्यावरणीय चेतना बढ़ाना नहीं, बल्कि महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहित करना भी है। उन्होंने कहा कि आगामी दीपावली तक 5 लाख दीयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है और प्रतिभागियों की क्षमता पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है। तथा प्रत्येक तैयार दीए को बाज़ार तक पहुँचाने का आह्वान किया। इस मौके पर गायत्री क्लस्टर की अध्यक्ष श्रीमती तुलसी मेहरा, कार्यक्रम समन्वयक नीरज उनियाल, मीनाक्षी देवी, कौशल देवी, कौशल्या देवी, रेनू, रानी खंडूरी, विशाल कुमार, रेखा न्याल, ईशिका कुमारी, ललिता आदि मौजूद थे।