नई दिल्ली । वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का निधन दिल्ली के अस्पताल में बुधवार देर रात को हो गया। नैयर 95 वर्ष के थे और आखिरी वक्त वह लेखन और पत्रकारिता से जुड़े रहे। उनका अंतिम संस्कार आज एक बजे दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान गृह में होगा। आपातकाल के दौरान नैयर को सरकार के खिलाफ लेख लिखने के कारण जेल भी जाना पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ पत्रकार के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया। पीएम ने आपातकाल में सरकार के खिलाफ मुखर आवाज उठाने के लिए नैयर के योगदान की सराहना की और उन्हें श्रद्धांजलि दी। नैयर 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे। 1990 में उन्हें ग्रेट ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था। पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के कारण 1997 में उन्हें राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किया गया था। नैयर ने देश-विदेश के मशहूर अखबारों के लिए संपादकीय और लेख लिखे। नैयर ने कई किताबें भी लिखीं और उनकी आत्मकथा भी काफी चर्चित रही थी। उनकी आत्मकथा बियांड द लाइंस अंग्रेजी में छपी थी। बाद में उसका हिंदी में अनुवाद, एक जिंदगी काफी नहीं नाम से प्रकाशित हुआ। उन्होंने इसके अतिरिक्त कई किताबें बिटवीन द लाइं,, डिस्टेंट नेवर : ए टेल ऑफ द सब कान्टिनेंट, ‘इंडिया आफ्टर नेहरू, ‘वाल एट वाघा, इण्डिया पाकिस्तान रिलेशनशिप, इण्डिया हाउस जैसी कई किताबें भी लिखीं।
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