उत्तराखंड के कारगिल वीरो-शहीदो
देश भर के महान सपूतो-रणवीरो
धड़कनों में बसने वाले परमवीरो
नम आँखों
गरम साँसों में
गुनगुना रहा बस एक तराना
उमड़ रहा हमारा मन दीवाना
काश हमें भी मौका मिलता
कारगिल में दुश्मनों का कलेजा हिलता
भारत माता के चरणों में दुश्मनों के शीश भेंट कर
जीवन हमारा भी सफल होता
सरहदों पर ओ मर मिटनेवालो
सरहदों के देवता-रखवालो
आपके पावन चरणों में
रगड़ रहे हम माथे ओ मतवालो।
Virendra Dev Gaur (Veer Jhugeewala)
Chief Editor(NWN)