-उत्तराखंड, हिमाचल में चौंकाता है मार्च में सामान्य से 8 डिग्री अधिक तापमान
नई दिल्ली : मार्च माह में ही जिस तरह से देश में प्रचंड गर्मी का आगाज हुआ, उससे हर कोई डर रहा है कि अभी पूरा गर्मी का मौसम बाकी है, तो आगे क्या होगा। दुनिया की कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि हर नए साल के साथ दुनिया का तापमान बढ़ रहा है। दुनिया की बात करें तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार साल २०२२ का फरवरी माह दुनिया का अब तक का पांचवा सबसे गर्म फरवरी का महीना रहा। वहीं कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के अनुसार २०२१ रिकॉर्ड ५वां सबसे गर्म वर्ष था। पढ़िए बढ़ते तापमान और उससे उपजने वाली चुनौतियों पर एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
आमतौर पर तापमान होली के बाद से धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार हालात बदले हुए नजर आए। मार्च का महीने में हीट वेव यानी लू चलने की भविष्यवाणी तो पहले ही की जा चुकी थी। दरअसल, पिछले पांच सालों से ग्लोबल वार्मिंग के चलते गर्म होती धरती का तापमान बढ़ता ही जा रहा है, जिसका एक और सबूत एक बार फिर इस साल की शुरुआत में ही फिर से सामने आया है।
नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) ने मार्च में जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि फरवरी २०२२ का महीना इतिहास का पांचवा सबसे गर्म फरवरी का महीना था। इस वर्ष फरवरी २०२२ का औसत तापमान २०वीं सदी के औसत तापमान से ०.८१ डिग्री सेल्सियस ज्यादा था, जबकि फरवरी २०१६ में तापमान १.२६ डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था।