Breaking News

मुख्यमंत्री भूपेश भघेल ने मेहनतकश मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत

रायपुर (जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सवेरे नववर्ष के प्रथम दिन राजधानी रायपुर के कोतवाली चावड़ी के मेहनतकश मजदूर भाई-बहनों के साथ हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नववर्ष का अभिनंदन किया। उन्होंने श्रमवीर भाई-बहनों को मिठाई खिलाकर और कंबल भेंट कर उनके साथ नए वर्ष की खुशियां बांटी। श्री बघेल ने इस अवसर पर श्रमवीरों सहित सभी लोगों को नए वर्ष की शुभकामनाएं दीं।

मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत
मुख्यमंत्री बघेल ने नव वर्ष पर श्रमवीरों को सौगात देते हुए भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत भगिनी प्रसूति सहायता योजना में सहायता राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कर्मियों की मेहनत से छत्तीसगढ़ को लगातार तीसरी बार देश के सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार मिल है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने स्वच्छता कर्मियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के श्रम के सम्मान की परंपरा को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा की नये वर्ष में बुजुर्गों और हमारे पुरोधा, हमारे महापुरूषों के सपनों को साकार करना ही हमारे नए वर्ष का संकल्प है।

मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत
मुख्यमंत्री ने इसके पहले राजधानी रायपुर के गांधी मैदान में श्रमवीरों को गरमा-गरम भोजन उपलब्ध कराने के लिए संचालित शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना केंद्र में पहुंचकर वहां श्रमिक भाई-बहनों के साथ चर्चा की और सुबह की चाय पी। श्रमिक भाई-बहनों ने मुख्यमंत्री को बताया की पंजीकृत कार्डधारी श्रमिकों को इस केंद्र से 5 रुपए में गरमा-गरम भोजन मिलता है और बिना कार्डधारी श्रमिक भाई बहनों को 10 रुपए में भरपेट भोजन मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भूमिहीन श्रमिकों को जिनके पास एक इंच भी भूमि नहीं है उन्हें सालाना 6 हजार रूपए देने का निर्णय लिया है। यह राशि राज्य सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत बहुत जल्द उन्हें मिलने लगेगी। रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर और छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री सुशील सन्नी अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि जब से मैं मुख्यमंत्री बना हूं, चावड़ी में आकर मजदूर भाई-बहनों के साथ नए साल की शुरुआत करता हूं क्योंकि इन्हीं श्रमिकों के दम पर भवन, सड़कें और नालियां बनी हैं, साफ सफाई का कार्य हो रहा है। आज यदि बीमारियों से हम सुरक्षित हैं तो हमारे श्रमिकों, सफाई कर्मियों के कारण यह संभव हो पाया है। हमारे खेतों में काम करने वाले किसान के कारण हमको अन्न मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम के सम्मान का यह मार्ग हमको राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी से मिला है, गांधी जी ने नील की खेती करने वाले किसानों की लड़ाई लड़ी। गांधी जी ने बुनकरों की तकली, चरखा को राष्ट्रीय आंदोलन का प्रतीक बनाया, उन्होंने खुद मैला ढोने का काम किया। गांधीजी ने दलितों की मोहल्ले में जाकर वहां सफाई का काम किया। उन्होंने यह संदेश दिया है कि कार्य चाहे जो भी हो, कोई भी काम छोटा नहीं होता, उसे पूरी शिद्दत के साथ, पूरे समर्पण के साथ करें तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है।
मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत

मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत

मुख्यमंत्री ने श्रम वीरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी लोगों का सम्मान करके आज मुझे महसूस हो रहा है कि हम गांधी जी के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद किसानों को हमने दाम दिया, आज किसानों को धान का समर्थन मूल्य और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की इनपुट सब्सिडी मिलाकर 2500 रुपए क्विंटल धान की कीमत मिल रही है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के हित में लिए गए फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्योगों में कार्यरत मजदूर की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल की गई है, इससे लगभग 4 लाख श्रमिकों को अतिरिक्त 2 वर्ष का लाभ मिला है। वही मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना और असंगठित कर्मकार मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं असंगठित कर्मकार की मृत्यु पर एक लाख रुपये एवं दिव्यांगता पर 50 हजार की राशि दी जा रही है। विभिन्न योजनाओं में 16 लाख से अधिक श्रमिकों को लगभग 284 करोड़ रुपए की सहायता सहायता पहुंचाई गई है ।

मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत

मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआतमुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ सके इसलिए 172 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की गई है। मजदूर सुबह से काम में निकल जाते हैं, इसलिए परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं, हॉस्पिटलों में लाइन लगानी पड़ती है, दिन भर की मजदूरी चली जाती है। मजदूर भाई बहनों की समस्या के निदान के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की शुरुआत की गई है। महिलाओं के लिए अलग से दाई दीदी क्लिनिक योजना की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना भी ग्रामीण क्षेत्र में शुरू की है और शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की गई है। राज्य सरकार के प्रयास से कर्मचारी राज्य बीमा सेवा से जुड़ने वाले कामगारों की संख्या 3 वर्षों में एक लाख से अधिक हो गई है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवा द्वारा संचालित औषधालयों द्वारा 1 लाख 43 हजार श्रमिकों का इलाज एवं दवाओं का वितरण किया गया है। वर्ष 2020 में कोविड-19 संकट के दौरान सभी के सहयोग से मजदूर भाईयों को सुरक्षित लाने, रोजगार देने, उन्हें क्वारंटाइन केंद्र में रखने, भोजन की व्यवस्था की गई। दवाइयों की भी निशुल्क व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के सहयोग से हम आने वाले समय में भुखमरी, गरीबी और असमानता को भी परास्त करेंगे और समृद्ध तथा विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे।

Check Also

छग विस चुनाव 2023 : निगरानी दलों ने अब तक 6 करोड़ 57 लाख रूपए की नकद और वस्तुएं की जब्त

-प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा रखी जा रही है कड़ी नजर  रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन-2023 …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *