छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सोमवार को एक ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में पलटने से 4 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान एक झकझोर देने वाली घटना हुई। DRG की टीम रेस्क्यू में जुटी तो एक जवान के हाथों में उसकी मां का ही शव आ गया। उसे यह पता भी नहीं था कि इस ट्रैक्टर-ट्रॉली में उसकी मां सवार थी। बताया जा रहा है कि हादसे के समय DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप) के जवान तेलम-टेटम इलाके में सर्चिंग पर निकले थे। तभी उन्हें लोगों की चीख-पुकार सुनाई दी। वे मौके पर पहुंचे तो वहां ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में डूबी नजर आई। वे लोगों को बचाने के लिए पानी में कूद गए। इन्हें में जवान वसू कवासी भी शामिल था। इन जवानों ने एक-एक कर लोगों को बाहर निकाला और उनकी जान बचाई। बाद में उन्होंने देखा की ट्रॉली पानी में उल्टी पड़ी है। तो उसके नीचे भी लोगों को तलाशना शुरू किया। वसू के हाथ में एक महिला का शव आया। वह उसे बाहर लेकर आया और जैसे ही उसकी नजर चेहरे पर गई वह फूट-फूटकर रोने लगा। यह शव उसकी ही मां फूके कवासी का था। साथी जवानों ने उसे किसी तरह संभाला। फूके कवासी कटेकल्याण ब्लॉक के टेटम की रहने वाली थीं। वह इस गांव के 25-30 लोगों के साथ आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम में भाग लेने हीरानार जा रही थीं। हादसे में फूके कवासी के अलावा, 9 साल के दिनेश मरकाम, 16 साल की दसई कवासी और 35 साल के कोसा माड़वी की भी मौत हो गई। 19 लोग घायल हैं। इनमें से 5 लोगों की हालत गंभीर है। आसपास के लोगों के मुताबिक, सड़क के एक किनारे गड्ढा था, तो दूसरी तरफ एक छोटा तालाब। इसके चलते ट्रैक्टर ड्राइवर कंट्रोल नहीं कर सका और तालाब में गिर गया। हादसे के बाद जो लोग सुरक्षित बचे थे, वहां से भाग गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यह सहायता राशि शासन की ओर से सड़क दुर्घटना में दी जाने वाली सहायता राशि के अलावा होगी।

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