ऋषिकेश (संवाददाता)। इंटरनेशनल योग महोत्सव के आयोजन से ऋषिनगरी में योग की गंगा बह रही है। परमार्थ निकेतन में सोमवार सुबह के सत्र में अमेरिका से आये सिख योगगुरु एवं विश्व प्रसिद्ध योगाचार्य गुरु शब्द सिंह ने कुण्डलिनी योग का अभ्यास कराया। परमार्थ निकेतन की योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती ने पारम्परिक हठ योग, इटली के राबर्टो मिलट्ति ने ओदोका योग, दक्षिण अफीका की योगाचार्य भाविनी कलान ने मेटाफ्लो-नमस्कारम योग, योगऋषि विश्व केतु ने समग्र योग यात्रा के माध्यम से बताया कि योग एक कसरत नहीं, बल्कि यह हमारा असली स्वभाव है। यह हमें योग्य, निडर और आनन्द प्रदान कराता है। जापानी संगीतकार सेत्सो, मियाशीता, गुमी, केगो और मोमोको द्वारा जापानी पारंपरिक मंत्र का अभ्यास कराया गया।ऋषिकेश मूल के चीन से आये प्रसिद्ध योगाचार्य मोहन भण्डारी ने योगी योग, योगाचार्य राधिका नागरथ ने गंगा तट पर सूर्योदय सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया। ब्रिटेन से आयी शाउल डेविड राई ने तंत्र योग, कैलिफोर्निया की योगाचार्य लौरा फ्लम्ब ने शक्ति-ब्रेथ आफ लाइफ, न्यूयार्क के जुल्स फर्रे ने जीवमुक्ति योग, शेरेन गैनोन ने जीवमुक्ति योग, जोना फासो ने संस्कृत मंत्र का उच्चारण, फ्रान्सका कैसिया ने ओदोका योग का अभ्यास कराया। गुजरात के भरत बराई और अक्षय पटेल ने भारतीय शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया। भरत बराई कई देशों में भरतनाट्यम की शिक्षा देते हैं।योग एवं पर्यावरण के बारे में बतायादोपहर के सत्र में डॉ. वन्दना शिवा ने योग और पर्यावरण के सम्बंध में विचार व्यक्त किये। शुभविला दास ने हनुमान चालीसा पर एक दिव्य व्याख्यान दिया। बाली के डॉ. आन्द्रे पेगे ने उपवास का महत्व बताया। कैलिफोर्निया के टामी रोजेन ने योग के माध्यम से व्यसनों से उबरने के विषय में अवगत कराया। अंजना भगत ने अरोमाथेरेपी के माध्यम से ऊर्जा केन्द्रों को सन्तुलित करने की जानकारी दी।यह योग सिखाए गए प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगर योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सोमैटिक योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, भरत योग, गंगा योग, लीला योग, डीप योग आदि का अभ्यास कराया गया। इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी एवं भारतीय दर्शन की भी कक्षायें चल रही हैं।इन देशों के लोग ले रहे योग महोत्सव में भागनामिबिया, इक्वेडोर, आस्ट्रिया, आस्ट्रेलिया, केन्या, क्यूबा, चिली अर्जेंटीना, अफगानिस्तान, अफ्रीका, रूस, इजरायल, पेलस्टाईन, चीन, हांगकांग, सिंगापुर, ताईबान, इन्डोनेशिया, बैंकाक, फिलिस्तीन, ईरान, जापान, केन्या, इटली, अमेरिका, यमन, जापान, जर्मनी, ब्राजील, नार्वे, यूके, थाईलैण्ड, तुर्की, ब्रिटेन, दक्षिण अमेरिका, स्पेन, कनाड़ा और कई राष्ट्रों से आये योग राजदूतों और साधकों ने भाग लिया।एकता का संदेश दियापरमार्थ निकेतन में ग्लोबल म्यूजिक एंड डांस कार्यक्रम के माध्यम से 95 देशों से आये योग साधकों को यह संदेश दिया कि दुनिया की संस्कृतियों को एक साथ लाया जाये। कार्यक्रम के दौरान रूसी संगीतकार डेनिस कुचेरोव द्वारा पारंपरिक भरतनाट्यम और गुजरात से आये भारत बराई ने गुजराती लोक नृत्य तथा ब्रिटेन, मंगोलिया और दुनिया के अन्य देशों से आये कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर ‘हम सब एक है का संदेश दिया।
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