प्रिया प्रकाश जानी तुम और तुम्हारे विद्वान निर्माता निर्देशक
अमावस्या का अंधकार और बेहयाई के मसीहा हैं
वैलेन्टाइन की बेहूदा बेला पर तुम
परम पिता परमेश्वर की तरह सर्वत्र विराजमान रहीं
जानी काश तुम्हारी एक आँख हमेशा के लिये हो जाए बंद
देश के दिल दिल्ली के टीवी न्यूज चैनलों को
जानी तुम पर लाड़-लुटाते देखा तो लगा
दसवीं कक्षा के बच्चों को वही करना चाहिए
कक्षाओं में बैठकर प्यार फरमाना चाहिए
आँखों के इन बेहूदा इशारों पर
स्पेशल क्लासें और स्मार्ट क्लासें होनी चाहिएं
कोई अध्यापक-अध्यापिका विरोध करे तो वे बाहर होने चाहिएं
ऐ फूहड़ खुलेपन के लिबास में लिपटे अनाड़ी न्यूज चैनलो
श्री राम और श्री कृष्ण को लेकर तुम लोग तमाशबीन बन जाते हो
प्रिया जानी की बेहूदगी से चलती आँख पर तुम जज बन जाते हो
जानी न्यूज चैनलो छा जाने की चाह में वहशी मत बनो
देश में नये-नये खूंखार जिन्ना पैदा कर रहे चैनलो
टी आर पी का तुम्हारा प्रेम रोग
देश को तोड़ो रोको पतित करो का नारा बनता जा रहा है
दोस्तो सुधरो प्रगतिवाद का अर्थ होता है नैतिकता और न्याय।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor (NWN)
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